सदर प्रखंड के आठ सौ घरों में किया पानी प्रवेश

खगड़िया। जिले में गंगा और बूढ़ी गंडक का बढ़ना जारी है। वहीं गंगा, बूढ़ी गंडक के बढ़ने से सदर, गोगरी और परबत्ता प्रखंड के कई गांव-टोले बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 08:35 PM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 08:35 PM (IST)
सदर प्रखंड के आठ सौ घरों में किया पानी प्रवेश
सदर प्रखंड के आठ सौ घरों में किया पानी प्रवेश

खगड़िया। जिले में गंगा और बूढ़ी गंडक का बढ़ना जारी है। वहीं गंगा, बूढ़ी गंडक के बढ़ने से सदर, गोगरी और परबत्ता प्रखंड के कई गांव-टोले बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। त्राहिमाम की स्थिति है। बाढ़ पीड़ित पलायन को विवश है। परंतु, प्रशासनिक स्तर से अब तक समुचित राहत कार्य नहीं चलाया गया है। स्थिति विकराल होती जा रही है।

सदर प्रखंड के तीन पंचायत बाढ़ की चपेट में सदर प्रखंड के रहीमपुर दक्षिणी, मध्य और रहीमपुर उत्तरी बाढ़ की चपेट में आ चुका है। तीनों पंचायत गंगा और बूढ़ी गंडक की बाढ़ से प्रभावित है। जिल परिषद क्षेत्र संख्या- सात के जिप प्रतिनिधि मनीष कुमार ¨सह ने तीनों पंचायत का दौरा करने बाद बताया कि सर्वाधिक खराब स्थिति रहीमपुर दक्षिणी पंचायत की है। यह पंचायत पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में है। यहां के चम्मन टोला में भयावह स्थिति बनती जा रही है। जबकि रहीमपुर उत्तरी भी 50 प्रतिशत बाढ़ से प्रभावित है। वहीं रहीमपुर मध्य पंचायत के मुखिया मक्खन साह ने कहा कि 80 प्रतिशत भाग बाढ़ की चपेट में आ गया है। जिप प्रतिनिधि मनीष कुमार ¨सह के अनुसार आठ सौ घरों में पानी प्रवेश कर चुका है। पानी बढ़ ही रहा है। जिप प्रतिनिधि मनीष कुमार ¨सह, मुखिया मक्खन साह, सामाजिक कार्यकर्ता अशोक यादव, कुमोद यादव ने यहां शीघ्र राहत कार्य चलाने की मांग की है।

=== === गोगरी और परबत्ता में स्थिति होती जा रही है विकराल

= लोग बांध-तटबंध पर शरण लेने को विवश

= अब तक नहीं चला है राहत कार्य

संवाद सूत्र, गोगरी (खगड़िया):

गंगा और बूढ़ी गंडक के जलस्तर में लगातार वृद्धि से गोगरी अनुमंडल के परबत्ता तथा गोगरी प्रखंड में बाढ़ की स्थिति विकराल होती जा रही है। बाढ़ प्रभावित गांव-टोले के लोग घर छोड़कर बांध-तटबंधों पर शरण ले रहे हैं। वहीं प्रशासन अब तक मूकदर्शक बनी हुई है। न तो समुचित नाव का प्रबंध किया जा सका है और न ही राहत वितरण को ले कोई तैयारी की गई है। बाढ़ पीड़ित परिवार प्रशासनिक व्यवस्था को कोसते दिख रहे हैं। परबत्ता के सलारपुर में दो दर्जन से अधिक परिवार विस्थापित होकर बांध पर शरण लिए हुए हैं। विस्थापित परिवार कपड़ा व प्लास्टिक टांग राहत का इंतजार कर रहे हैं। परबत्ता प्रखंड के माधवपुर पंचायत के विष्णुपुर, मुरादपुर, कवेला पंचायत के जागृति टोला, डुमरिया खुर्द, जोरावरपुर पंचायत के कज्जलवन, तेमथा करारी पंचायत के मुस्लिम टोला, शर्मा टोला, अरगल्ला टोला, लगार पंचायत के विशौनी, छोटी लगार, इंगलिश लगार, चरघरिया, कुल्हड़िया पंचायत के सलारपुर, भरसो पंचायत के कुशवाहा टोला, शर्मा टोला, मुस्लिम टोला, सौढ़ दक्षिण पंचायत के कुर्मी टोला, सौढ़ उत्तरी पंचायत के दुधैला आदि किसी न किसी रूप से बाढ़ की चपेट में है। सबसे खराब हाल तेमथा करारी पंचायत के मुस्लिम टोला, शर्मा टोला, लगार पंचायत के विशौनी, कुल्हड़िया पंचायत के वार्ड नंबर आठ एवं दस, भरसो पंचायत के कुशवाहा टोला, शर्मा टोला, मुस्लिम टोला का है। सलारपुर गांव के किसान मवेशी को लेकर दूसरे गांव, ऊंचे स्थान पर पलायन कर रहे हैं। बाढ़ पीड़ित मो. अख्तर, मनीष पोद्दार, मीरा देवी, कंचन देवी, इंदुला देवी, किरण देवी, अजय पोद्दार, विजय पोद्दार आदि ने बताया कि घर में पानी प्रवेश करने के कारण तीन दिनों से तटबंध पर शरण लिए हुए हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश्वर दास, पंकज पोद्दार, विक्रम कुमार आदि ने कहा कि बाढ़ अब भीषण रूप ले चुकी है। इन्होंने प्रशासन से राहत शिविर के साथ-साथ बाढ़ प्रभावित गांवों में सरकारी नाव उपलब्ध कराने की मांग की है। इधर गोगरी प्रखंड में भी बाढ़ की गंभीर स्थिति बनी हुई है। रामपुर पंचायत की रामपुर गांव में बाढ़ की भयावह स्थिति बनती जा रही है। तांती टोला अब पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ चुका है। सहनी टोला में भी पानी प्रवेश कर चुका है। जबकि पश्चिमी टोला में कई घरों में पानी है। लोग छतों पर शरण लिए हुए हैं। मुस्लिम टोला में भी पानी प्रवेश कर चुका है। नगर पंचायत के शारदा नगर की स्थिति भी भयावह है। वहीं वार्ड- आठ मीरगंज में भी एक दर्जन घरों में पानी प्रवेश कर चुका है। गांव की सड़क पर पानी बह रहा है। इधर, एसडीओ सुभाषचंद्र मंडल ने कहा कि गंगा का पानी लगातार बढ़ रहा है। गोगरी व परबत्ता प्रखंड के कई गांवों के बाढ़ से प्रभावित होने की जानकारी मिली है। सभी सीओ को नजर रखने के साथ-साथ बाढ़ प्रभावित गांव-टोले में

अविलंब नाव मुहैया कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। दर्जन भर से अधिक नावें चल रही है। राहत वितरण को ले वरीय अधिकारी के साथ विचार-विमर्श किए जा रहे हैं। === ===

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