काउंटर पर नदारद थी भीड़, सर्विस पोर्टल से कर्मियों के माथे पर पसीना

कटिहार। अमदाबाद प्रखंड स्थित आरटीपीएस काउंटर पर मंगलवार की सुबह 10.30 बजे भीड़ नदार

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 06:12 PM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 06:12 PM (IST)
काउंटर पर नदारद थी भीड़, सर्विस 
पोर्टल से कर्मियों के माथे पर पसीना
काउंटर पर नदारद थी भीड़, सर्विस पोर्टल से कर्मियों के माथे पर पसीना

कटिहार। अमदाबाद प्रखंड स्थित आरटीपीएस काउंटर पर मंगलवार की सुबह 10.30 बजे भीड़ नदारद थी। आरटीपीएस कर्मी विकास कुमार तिवारी एवं दिलीप कुमार कार्यालय में मौजूद थे। दो छात्राएं जाति प्रमाण पत्र आवेदन जमा करने पहुंची थी। मौके पर उपस्थित आरटीपीएस कार्यपालक सहायक विकास कुमार तिवारी एवं दिलीप

कुमार ने बताया कि आरटीपीएस में आइटी कार्यपालक सुजीत कुमार व कार्यपालक सहायक मनोहर कुमार सहित कुल चार कर्मी हैं। मौजूद कर्मियों ने बताया कि प्रतिदिन जाति आय आवासीय को लेकर 50 से 100 आवेदन आते हैं।

गत 15 दिसंबर से बिहार सरकार द्वारा सर्विस पोर्टल लागू किया गया है। इस सॉफ्टवेयर के तहत कार्य करने में काफी कठिनाई होती है। इसका सर्बर हमेशा स्लो रहता है। इसके कारण ड्यूटी ऑवर के बाद भी कार्य करना पड़ता है, नहीं तो लाभार्थियों को ससमय प्रमाण पत्र नहीं मिल पाता है। वर्तमान में दो कर्मी सुजीत कुमार एवं मनोहर कुमार प्रशिक्षण में है। उन्होंने बताया कि ठंड के कारण विलंब से लोग पहुंचते हैं। दोपहर 12 बजे के बाद कुछ भीड़-भाड़ रहती है।

ऑनलाइन आवेदन से घटी काउंटर पर भीड़

पूर्व में आरटीपीएस कार्यालय में जिस तरह लाभार्थियों की भीड़ रहती थी, अब उस तरह की भीड़ देखने को नहीं मिलती है। अब लाभार्थी जातीय, आय, आवासीय व दाखिल खारिज के आवेदन बाजार से भी साइबर कैफे, सीएससी सेंटर से करते हैं। इसके चलते आरटीपीएस कार्यालय में लोगों की भीड़ कम होती है।

बताते चलें कि 22 दिसंबर को अनुमंडल पदाधिकारी आशुतोष द्विवेदी ने भी आरटीपीएस कार्यालय का निरीक्षण किया था एवं आरटीपीएस कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे।

क्या कहते हैं अंचलाधिकारी:

अंचलाधिकारी अनिल कुमार संतोषी ने कहा कि ऑनलाइन सेवा होने से लोगों को काफी सहूलियत हुई है। अब लाभार्थी आरटीपीएस कार्यालय

के साथ ही अन्य स्थानों से भी ऑनलाइन करते हैं। ऑनलाइन म्यूटेशन का आवेदन करने पर 35 से 75 दिनों के अंदर म्यूटेशन का कार्य पूर्ण कर देना है। विवादित जमीन होने पर उसकी जांच की जाती है। इसमें संबंधित राजस्व कर्मचारी, अंचल निरीक्षक आदि द्वारा स्थलीय जांच किया जाता है। इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया की जाती है।

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