खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत के लिए 40 टीमों का गठन

कैमूर। जिले के लोगों को पेयजल की दिक्कत न हो इसको लेकर पीएचईडी विभाग गंभीर है। इसको लेकर जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बंद चापाकलों को ठीक करने का कार्य किया जा रहा है। जिले के सभी प्रखंडों में एक टीम बनाई गई है जिसमें शामिल मिस्त्री व मजदूर बंद चापाकलों को ठीक कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Apr 2020 10:27 PM (IST) Updated:Sat, 25 Apr 2020 10:27 PM (IST)
खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत के लिए 40 टीमों का गठन
खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत के लिए 40 टीमों का गठन

कैमूर। जिले के लोगों को पेयजल की दिक्कत न हो इसको लेकर पीएचईडी विभाग गंभीर है। इसको लेकर जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बंद चापाकलों को ठीक करने का कार्य किया जा रहा है। जिले के सभी प्रखंडों में एक टीम बनाई गई है जिसमें शामिल मिस्त्री व मजदूर बंद चापाकलों को ठीक कर रहे हैं।

बता दें कि जिले में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए चापाकल में से 1862 चापाकल बंद पड़े हैं। इसमें अब तक 550 चापाकल की मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया गया है। बंद व खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत के लिए 40 टीम का गठन किया गया है, जो सभी प्रखंडों में हैं। जिनके द्वारा वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच कर बंद पड़े चापाकलों को चालू कराया जा रहा है। पीएचईडी विभाग द्वारा 13 हजार 399 चापाकल चालू हालत में है। जो बंद पड़े हैं उन्हें चालू कराने के साथ नल जल योजना के कार्य को भी पूर्ण करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है।

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