लीड: गूंगीया की बेजुबानी कह रही थी दर्द की कहानी

बहुचर्चित मिश्र बिगहा की घटना ने न सिर्फ उस गांव को बल्कि आस-पास के इलाके को भी झकझोर क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Dec 2017 08:42 PM (IST) Updated:Sun, 17 Dec 2017 08:42 PM (IST)
लीड: गूंगीया की बेजुबानी कह रही थी दर्द की कहानी
लीड: गूंगीया की बेजुबानी कह रही थी दर्द की कहानी

बहुचर्चित मिश्र बिगहा की घटना ने न सिर्फ उस गांव को बल्कि आस-पास के इलाके को भी झकझोर कर रख दिया है। यह दर्द इतना गहरा है कि जिसकी जुबानी कहानी इसके जख्म को कम नहीं कर सकता। इसी बीच कोने में बैठी मुक बधिर गूंगिया देवी जिसकी दुनिया ही दबंगों ने उजाड़ दी। उसके सात में से दो बेटों की पीट पीट कर हत्या कर दी गई। वहीं तीन का अभी भी इलाज चल रहा है। इस अबला के पास तो अपनी दर्द को बयां करने के लिए भगवान ने कंठ भी नहीं दिया है। ऐसे में इसका दर्द अंदर ही उमड़ रहा है। आने जाने वाले को यह एकटक निगाहों से देखती जरूर है। लेकिन अन्य लोगों की तरह वह अपने उपर टूटे दुख के पहाड़ का जिक्र भी नहीं कर सकती। इसके बगल में बैठी जेठानी बार-बार कह रही थी कि बेचारी गूंगी ने भगवान को क्या बिगाड़ा था कि इसके ऊपर दुख का यह पहाड़ टूटा है। जिस दिन से यह घटना घटी है। उस दिन से ग्रामीण तो दहशत के कारण इस घर से दूर ही रहना मुनासिब समझ रहे। लोगों को निहारते हुए गूंगीया की बेजुबानी कई सवाल खड़ा करता है। इसे दर्द की इंतहा कहें या कुछ और कि जिसे कुदरत ने आवाज छिनकर नेमत में सात बेटों की मां बनाई थी उसे गांव के ही द¨रदों ने ऐसा जख्म दे दिया जो ता उम्र उसे टीस देता रहेगा। शासन-प्रशासन के साथ-साथ राजनीतिक दल के लोग यहां आते जाते रहेंगे। उनके लिए यह पीड़ित परिवार राजनीतिक के नए मुद्दे जरूर बनेंगे। स्वभाविक है कि इस मुद्दे पर राजनीति भी खूब होगी। लेकिन इन सभी घटना क्रमों के बीच इस बेचारी दुखियारी मां के दर्द को समझना संभव होगा या नहीं। यह तो भविष्य की गर्त में है।

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