फूल की खेती पर बाढ़ ने ढाया कहर
जहानाबाद । फूल की खेती बाढ़ की भेंट चढ़ गई । अब किसानों परेशान है कारण , लाखों रु
जहानाबाद । फूल की खेती बाढ़ की भेंट चढ़ गई । अब किसानों परेशान है कारण , लाखों रुपये के फसल का बर्बाद होना है । आज मालाकार परिवार के समक्ष भूखमरी की स्थिति कायम हो गई है। उनके द्वारा उत्पादित फूल पूजा एवं त्योहार के साथ-साथ शादी विवाह में इस्तेमाल किया जाता था। मालाकार कहते हैं कि काफी पूंजी लगाकर पश्चिम बंगाल से पौधे लाकर लगाये थे। लेकिन बाढ़ के पानी ने सबकुछ चौपट कर दिया। मालूम हो कि किंजर पंचायत गेंदा के फूल की खेती के लिए पूरे मगध प्रमंडल में प्रसिद्ध माना जाता है। दो दशक से यहां के उत्पादित फूल व्यापारियों के माध्यम से पटना, गया नालंदा, आरा, जयनगर, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, रांची आदि मंडियों में भेजा जाता रहा है। इससे पचास से अधिक मालाकार परिवारों का यह परंपरागत पेशा बन गया था। धान गेहूं की खेती छोड़कर व्यवसायिक मालाकार गेंदा के फूल की खेती करते हुए खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे थे। 15-20 दिन पहले पुनपुन नदी में आई बाढ़ ने मालाकारों के अरमानों पर पानी फेर दिया। 50 बीघे से अधिक जमीन में लगा गेंदा, चीरी के पौधे जल जमाव के कारण गल गया।
सुने मालाकारों की :
फूलों की खेती नष्ट हो जाने से हमलोगों के समक्ष भूखमरी की स्थिति कायम हो गई है। कर्ज लेकर हमलोगों ने फूल लगाया था।
रामनारायण भगत
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पट्टा पर जमीन लेकर फूल की खेती की थी। खाद पानी एवं दवा में काफी पूंजी लग गया। बाढ़ के पानी से सबकुछ बर्बाद हो गया।
रामाकांत कुमार
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हमलोग विश्वकर्मा पूजा को लेकर फूल को खेतों में ही छोड़ दिए थे। पूजा के आठ दस दिन पहले हीं आई बाढ़ ने हमलोगों को काफी नुकसान किया। अब दुर्गा पूजा, दीपावली एवं छठ पर्व में भी हमलोग खाली हाथ रह जाएंगे। अब तो भोजन पर भी आफत रहेगा।
रामईश्वर भगत
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फसल नष्ट होने से हमलोगों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। अब तो दो जून का भोजन जुटाने में भी मुश्किल हो रही है। फूल बेचकर हीं भरण पोषण एवं बच्चों का पठन पाठन करते थे।
सूर्यभान सिंह
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