तीन पुरास्थलों का वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति ने किया निरीक्षण, खोदाई की फिर जगी आस

पोरागढ़ भुंडाडीह व बहदीमपुर में मिले है प्राचीन अवशेष। कुलपति और प्रसिद्ध पुरातत्त्ववेत्ता प्रोफेसर देवी प्रसाद तिवारी ने बताया कि इन स्थलों पर से ताम्र पाषाणकालीन मृदभांडों के अवशेष मिले हैं। जिनमें धूसर मृदभांड व रेडवेयर शामिल हैं। इन दोनों स्थलों की खोदाई से कई रहस्य से पर्दा उठेगा।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 08:02 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 08:02 AM (IST)
तीन पुरास्थलों का वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति ने किया निरीक्षण, खोदाई की फिर जगी आस
वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति ने किया पुरास्‍थलों का निरीक्षण। प्रतीकात्‍मक चित्र।

जागरण संवाददाता, सासाराम। रोहतास जिले में स्थित तीन पुरातात्विक स्थलों का वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. देवी प्रसाद तिवारी ने निरीक्षण किया। कुलपति के साथ गए इस क्षेत्र के पुरातात्विक स्थलों के जानकार व केपी जायसवाल शोध संस्थान पटना के शोध अन्वेषक डॉ. श्यामसुंदर तिवारी ने पोरागढ़, भुंडाडीह व बहदीमपुर पुरास्थलों का अवलोकन कराया।

कुलपति और प्रसिद्ध पुरातत्त्ववेत्ता प्रोफेसर देवी प्रसाद तिवारी ने बताया कि इन स्थलों पर से ताम्र पाषाणकालीन मृदभांडों के अवशेष मिले हैं। जिनमें धूसर मृदभांड व रेडवेयर शामिल हैं। कहा कि इसकी खोदाई की जरूरत है जिसके लिए भारतीय पुरातत्व संरक्षण विभाग को रिपोर्ट भेजी जाएगी। जिसके बाद विभाग से अनुमति मिलने पर इन पुरास्थलों की खोदाई की प्रक्रिया शुरू होगी। कहा कि अगर इसकी खोदाई होती है तो इस क्षेत्र में इतिहास के अनसुलझे रहस्यों से परदा हटेगा व कई पुरातात्विक जानकारी हासिल होगी।

डॉ. श्यामसुंदर तिवारी ने बताया कि चेनारी प्रखंड के पोरागढ़, भूंड़ाडीह और  बहदीमपुर गढ़ को उन्होंने प्रवीण कुमार दुबे के साथ  2010 से 2015 के बीच शोध के क्रम में प्रलेखन किया था। जिसके बाद से ही इसकी खोदाई के लिए प्रयास कर रहे थे। बताया कि जिले में सेंदुआर गढ़ की खोदाई बीएचयू के प्रो. बीपी सिंह के निर्देशन में हुआ था। जबकि  सकासगढ़ की खोदाई बीएचयू के ही प्राध्यापक डॉ. विकास कुमार सिंह के निर्देशन में किया जा रहा है। इन दोनों स्थलों की खोदाई से मानव सभ्यता के कई रहस्य से पर्दा उठा है।

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