हर घर इज्जत का घर बनवा 'इज्जत' पा रहीं रूबी

अमित कुमार सिंह बाराचट्टी (गया)। जिले के बाराचट्टी प्रखंड के भगवती गाव की एक महिला ने अ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 12:43 AM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 12:43 AM (IST)
हर घर इज्जत का घर बनवा 'इज्जत' पा रहीं रूबी
हर घर इज्जत का घर बनवा 'इज्जत' पा रहीं रूबी

अमित कुमार सिंह, बाराचट्टी (गया)। जिले के बाराचट्टी प्रखंड के भगवती गाव की एक महिला ने अपने दमखम पर स्वच्छता के अधिकार के महत्व को लोगों के सामने रेखांकित किया है। उसी का प्रतिफल है कि भगवती गाव के हर घर में शौचालय (इज्जत घर) का निर्माण हो गया। तीन वर्षो की अथक मेहनत के बूते रूबी त्रिपाठी ने गाव की महिलाओं को जागरूक कर शौचालय बनवाने के लिए बाध्य किया। नतीजतन, आज भगवती गाव के हर घरों में शौचालय बने हैं और लोग उसका उपयोग भी कर रहे हैं।

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रूबी की मेहनत ने दिखाया रंग, हर घर बने शौचालय :

रूबी की पहचान आज किसी की मोहताज नहीं है। वे जीविका के सहेली महिला समूह की सचिव हैं और जनसेवा को लेकर दिन-रात लगी रहती हैं। 2017 में जब रूबी को अपने गाव के हर घर में शौचालय बनाने की जिम्मेवारी जीविका से मिली, उसने जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया, परिणामस्वरूप आज गाव के लोग खुद को सुरक्षित व स्वच्छ महसूस करते हैं।

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रूबी की मदद के लिए प्रशासन को गांव में करना पड़ा कैंप :

शौचालय बनाने के लिए जब रूबी अपने गाव में लोगों के बीच जाती, उस वक्त उन्हें कोई गाली देता तो कोई अनर्गल आरोप लगाता। बावजूद इसके रूबी ने बेपरवाह होकर अपना अभियान जारी रखा। इसकी जानकारी जब तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रणव कुमार गिरि को हुई तो उन्होंने गाव के स्कूल में कैंप कर दिया। रूबी के सहयोग के लिए पूरी टीम गठित की, फिर इनके नेतृत्व में शौचालय का निर्माण हुआ। इस कार्य की चर्चा सुनकर उस वक्त के जिला पदाधिकारी व उपविकास आयुक्त गाव पहुंचे और घर-घर जाकर रूबी के कार्य का अवलोकन किया।

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महिलाओं की टोली ने लोगों को शौचालय बनवाने को किया बाध्य :

भगवती गाव के जितेंद्र कुमार कहते हैं कि रूबी दीदी की मेहनत व जीविका के सहयोग की देन है कि आज हमारे गाव के हर घर में शौचालय बने हैं। वार्ड सदस्य मुननी देवी कहती हैं, रूबी त्रिपाठी के साथ हम सभी गाव की महिलाएं वैसे घर में जाती थीं, जो शौचालय नहीं बनाना चाहते थे। वहा सभी महिलाएं मिलकर रूबी के साथ गड्ढा खोदते थे। तब वे लोग शौचालय बनाने को बाध्य होते थे। उसके बाद भी नहीं बनाने पर वैसे लोगों के घरों पर रूबी महिला समूह की महिलाओं के साथ धरने पर बैठ जाती थीं।

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रूबी की प्रेरणा को आज सभी करते हैं सलाम :

सुनील कुमार कहते हैं, हम लोग रूबी जैसी महिला को सलाम करते हैं। उन्होंने ही गाव की महिलाओं को स्वच्छ जिंदगी जीने का रास्ता दिखाया। सुनील कहते हैं, रूबी वर्ष 2017 में जब शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित कर रही थीं, उस वक्त भले लोग उन्हें भला-बुरा कह दिए, लेकिन अब समस्त गाव को इसका अफसोस है।

कोट :-

हमने कुछ नहीं किया, जीविका के पदाधिकारी व बीडीओ का सहयोग मिला तो हमने गाव के हर घर में शौचालय बनवाने का पुनीत कार्य किया। आज हमें अपने गाव पर गर्व है कि हर घर स्वच्छ है। अब हमारे गाव की महिला व पुरुष खुले में शौच के लिए नहीं जाते हैं। घर में ही नियमित शौचालय का उपयोग कर रहे हैं।

-रूबी त्रिपाठी।

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