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    Navratri 2021: गया के लोगों ने उठाया डांडिय का लुत्‍फ, गरबा की धुन पर थिरकी युवाओं की टोली

    By Prashant KumarEdited By:
    Updated: Thu, 14 Oct 2021 03:30 PM (IST)

    देवी दुर्गा की उपासना हो रही है। लोग जगह-जगह बने पूजा पंडालों में पहुंचकर देवी के दर्शन कर रहे हैं। इस बीच जगह-जगह डांडिया का भी आयोजन हो रहा है। शहर ...और पढ़ें

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    डांडिया नाइट का आनंद उठाते लोग। जागरण आर्काइव।

    जागरण संवाददाता, गया। नवरात्र पर हर तरफ भक्ति और उल्लास है। देवी दुर्गा की उपासना हो रही है। लोग जगह-जगह बने पूजा पंडालों में पहुंचकर देवी के दर्शन कर रहे हैं। इस बीच जगह-जगह डांडिया का भी आयोजन हो रहा है। शहर के बालाजी नगर, काटन मिल में डांडिया महोत्सव का आयोजन किया गया। महिलाओं व युवतियों ने कार्यक्रम में डांडिया नृत्य किया। गौरतलब है कि इस बार कोरोना संक्रमण की आशंकित तीसरी लहर को देखते हुए प्रशासन ने रंगारंग कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी।

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    डांडिया में देवी मां के भक्ति गीतों पर लोगों ने भावपूर्ण नृत्य किया। वार्ड चार की पार्षद संगीता चंद्रा मुख्य अतिथि के रूप में सम्मलित हुईं। संयोजिका पूजा शेखर ने मां की पूजा अर्चना कर दीप प्रज्वलित करके शुभारंभ किया। गरबा की धुन पर सभी लोग नृत्य कर आनंदित हुए। संयोजिका पूजा शेखर ने कहा कि नवरात्र में मां को प्रसन्न करने के उपायों में से नृत्य भी एक माध्यम है। नृत्य को भी साधना का मार्ग बताया गया है। कार्यक्रम में पूजा शर्मा, निशु, स्वाती, छोटी, प्रीति नंदा, गीता शर्मा, डेजी शर्मा, सेजल, शिखा, हन्नी के अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं व युवतियां शामिल हुईं।

    मातृशक्ति आराधना सह डांडिया नृत्य समारोह का आयोजन

    अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के बैनर तले युवतियों के स्वास्थ्य, समृद्धि, सुरक्षा और स्वावलंबन के हित में कार्यरत परिषद की सहयोगी शाखा 'ओजस्विनी' द्वारा जिलाध्यक्ष डा. कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी के नेतृत्व में मातृशक्ति आराधना-सह-डांडिया नृत्य समारोह का आयोजन किया गया। विष्णुपद मंदिर के समीप अवस्थित आनंदी भवन में कार्यक्रम का शुभारंभ देवी नवदुर्गा के छायाचित्र पर पुष्पांजलि तथा माल्यार्पण के साथ हुआ। ओजस्विनी के सदस्यों ने सम्मिलित रूप से देवी की आराधना व आरती की। शस्त्र पूजन करके मां कालरात्रि की वंदना की गई। संपूर्ण समारोह स्थल 'अंबे तू है जगदंबे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गाये भारती, मैया हम सब उतारें तेरी आरतीÓ की पावन धुन से गूंज उठा।