सड़क पर बह रहा नाली का पानी, राह चलना दुश्वार

फोटो-70 से 77 मोहल्ले का दर्द ---------- -बोधगया के वार्ड 17 के पुरानी कॉलोनी की सड़क की स्थिति दयनीय अधिकतर मकान जर्जर -------- अनदेखी -वर्षो पहले बने सार्वजनिक शौचालय खस्ता चापाकल भी खराब -वार्ड में जापान भूटान सहित कई देशों के बौद्ध मंदिर और मोनास्ट्री ------- -06 हजार के करीब है वार्ड की आबादी -02 स्कूल और तीन आंगनबाड़ी केंद्र हैं --------------- जागरण संवाददाता बोधगया

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Dec 2019 07:45 PM (IST) Updated:Mon, 30 Dec 2019 07:45 PM (IST)
सड़क पर बह रहा नाली का 
पानी, राह चलना दुश्वार
सड़क पर बह रहा नाली का पानी, राह चलना दुश्वार

गया । अनुसूचित बाहुल्य इस वार्ड की पहचान यूं तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है। क्योंकि यहां जापान, भूटान, कम्बोडिया, वियतनाम सहित अन्य देशों के बौद्ध मंदिर और मोनास्ट्री स्थित हैं। कई स्टार मानक के होटल भी इस वार्ड में है। क्षेत्रीय विधायक कुमार सर्वजीत का आवास भी इस वार्ड में हैं, लेकिन वार्ड का परिदृश्य कुछ और ही बयां करता है। इस वार्ड में पुरानी कॉलोनी, मस्तीपुर और पीपरपांती मोहल्ले आते हैं। मस्तीपुर में श्रीलंका के दिवंगत राष्ट्रपति प्रेमदासा द्वारा दिया गया आवास और सामुदायिक भवन आज भी उनकी याद दिलाता है। अब जर्जर हो चुके हैं, लेकिन लोग उसी में रहने को मजबूर हैं। इस वार्ड के पुरानी कॉलोनी के उत्तर दिशा स्थित सड़क की स्थिति काफी दयनीय है। नाली की सफाई के अभाव में मुख्य सड़क पर गंदे पानी का जमाव बना रहता है। इस क्षेत्र में रहने वाले लोग अधिकांश कच्चे मकान में रहते हैं। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया है। वहीं, दक्षिण दिशा में अल्पसंख्यक समाज के लोग रहते हैं। यहां भी सड़क पर नाली के पानी का जमाव बना रहता है। वर्षो पहले बने सार्वजनिक शौचालय देखरेख के अभाव में जर्जर हो चुका है। पेयजल के लिए लगा चापाकल बंद है। मस्तीपुर की अधिकांश गलियां कच्ची और जर्जर हैं। जगह-जगह पर गंदगी का अंबार लगा है। कुछ हिस्से में विधायक मद से सड़क बनी है। वहां बीटीएमसी के भिक्षु मनोज ने स्ट्रीट लाइट लगवाई है।

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आवास योजना का फॉर्म कई बार भरा गया, लेकिन लाभ नहीं मिला है। पुरानी कॉलोनी के उत्तरी हिस्से में प्राय: लोग कच्चे मकान में रहते हैं। शौचालय मिला है। छह माह से सरकारी अनाज नहीं मिल रहा। रोड और नाली नहीं है। घर के गंदे का बहाव सरकारी जमीन में किया जा रहा है। बरसात के दिनों में बहुत परेशानी होती है। घरों में गंदे पानी का जमाव हो जाता है।

लीला देवी

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पहले से बनी नाली की कभी सफाई नहीं हुई। इसके कारण आने-जाने वाले मार्ग से लेकर आसपास में गंदे पानी का जमाव बना रहता है। एक सार्वजनिक शौचालय बना था। जर्जर हो चुका है। कुछ लोगों को शौचालय का लाभ मिला है, एक अल्पसंख्यक को छोड़कर किसी को आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। सभी खपड़ैल मकान में रहते हैं। पुरानी कॉलोनी के दक्षिणी हिस्से में अनुसूचित जाति के लोग वर्ष 1956 में विस्थापित होकर बसे हैं।

जफर आलम

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मस्तीपुर के प्रजापति टोले में पूर्व से बनी नाली टूट चुकी है, जिसकी मरम्मत नहीं की गई। ब्रिक सोलिंग भी पहले की है, जो जर्जर हो चुकी है। शौचालय का लाभ मिला है। एक-दो लोगों को आवास योजना का लाभ मिला है। कुछ घरों में पानी के कनेक्शन हैं। शेष में नहीं। स्ट्रीट लाइट भी मोहल्ले की सभी गलियों में नहीं लगी है। इसके कारण अंधेरा रहता है।

राजेन्द्र प्रजापति

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प्रेमदासा द्वारा दिए गए कॉलोनी में रहते हैं। जर्जर हो चुका है। आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। फॉर्म कई बार भरे गए। मुख्य सड़क जर्जर है। नाली की सफाई नहीं होती। इसके कारण गंदा पानी घर में जमा रहता है। शौचालय का लाभ मिला है। वृद्धा पेंशन का लाभ नहीं मिलता।

निर्मला देवी

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वार्ड में कभी-कभार सफाई होती है। कचरे का उठाव स्वयं करते और डस्टबिन में जलाते हैं। वृद्धा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा। घर के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। दूसरे के जमीन में पानी गिरा रहे हैं। बंद करा देने पर समस्या होगी। बरसात के दिनों में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। अधिकांश लोग कच्चे मकान में रहते हैं।

राजेन्द्र मांझी

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वार्ड में चार सौ लोगों को शौचालय का लाभ दिलाया। 25 लोगों का चयन आवास योजना के लिए हुआ है। इसमें अधिकांश को प्रथम और द्वितीय किस्त की राशि मिली है। 220 लोग प्रतिक्षा सूची में हैं। वार्ड में सफाई नियमित तौर पर कराई जाती है। नाली-गली योजना स्वीकृत है। टेंडर भी हुआ है, जल्द ही काम शुरू होगा।

सावित्री देवी, वार्ड पार्षद

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