यात्रियों रास नहीं आ रहा जंक्शन का फूड प्लाजा!

By Edited By: Publish:Mon, 14 Apr 2014 09:03 PM (IST) Updated:Mon, 14 Apr 2014 09:03 PM (IST)
यात्रियों रास नहीं आ रहा जंक्शन का फूड प्लाजा!

गया, जागरण संवाददाता: गया जंक्शन पर फूड प्लाजा के शुरू हुए सात महीने पूरे हो गए। लगता है कि यहां के लोगों को फूड प्लाजा रास नहीं आया। न ही लंबी दूरी की ट्रेनों के गया जंक्शन पर ट्रेनों के ठहराव का समय ऐसा है कि यात्री इस फूड प्लाजा में आकर भोजन व नाश्ता करें। ये तो फूड प्लाजा चलाने वाली कंपनी एक्सप्रेस फूड सर्विस के गया जंक्शन पर कुछ स्टाल संचालित हैं। जिसकी आय व राजधानी एक्सप्रेस में भोजन व नाश्ता देने से इसकी भरपाई की जाती है।

बता दें कि 13 सितंबर 2013 को गया जंक्शन पर एक्सप्रेस फूड सर्विस ने फूड प्लाजा का शुभारंभ किया था। रविवार को इसके सात माह पूरे हो गए। लेकिन इस सात महीने में इसने बिजनेस कैसा किया। इस सवाल पर यहां के कर्मचारी मौन रह कर बस इशारे में यही कहते हैं कि यहां लंबी दूरी की ट्रेनों के ठहराव का समय फूड प्लाजा के माकूल नहीं हैं। मसलन, अप में मुंबई मेल, दून एक्सप्रेस, जोधपुर एक्सप्रेस के यहां आने का समय सुबह नाश्ता करने के समय में नहीं बल्कि सुबह की चाय पीने के वक्त में ये ट्रेनें आती है। ऐसे में कौन यात्री फूड प्लाजा में बैठकर नाश्ता करेगा। इसके बाद दोपहर में अप पुरूषोत्तम एक्सप्रेस यहां आती है। वहीं महाबोधि एक्सप्रेस दोपहर ढाई बजे खुलती है। इस वक्त इस ट्रेन की प्रतीक्षा में रहे यात्री घर से ही भोजन कर आते हैं। जहां तक चाय व कोल्ड ड्रिंक्स की बात है तो इसके लिए प्लेटफार्म पर कई स्टाल हैं। जिससे यात्री अपना काम चला लेते हैं। रात में लंबी दूरी की पहली ट्रेन यहां सियालदह-जम्मूतवी एक्सप्रेस होती है। इसके बाद राजधानी एक्सप्रेस आती है। जिससे फूड प्लाजा के बेहतर बिजनेस पर असर पड़ा है।

सूत्र बताते हैं कि फूड प्लाजा के संचालन में प्रतिदिन बिजली बिल के रूप में एक हजार रुपये तथा लाइसेंस फी के रूप में करीब 50 रुपये के आसपास रेलवे को भुगतान करने के अलावा कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करना पड़ता है। जिसका एडजस्टमेंट स्टाल की आय से करना पड़ रहा है। हालांकि एक्सप्रेस फूड सर्विस एक अंतर्राष्ट्रीय कंपनी है। जो रेलवे में कई वर्षो से अपनी सेवा दे रही है। कंपनी की सोच आज को लेकर नहीं बल्कि एक दो साल बाद की होती है। उम्मीद है कि गया से जब नई ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ होगा तो कंपनी का बिजनेस अच्छा होगा।

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