उपेक्षित महसूस कर रहे वित्त रहित शिक्षक : महासंघ

मूल्यांकन कार्य शनिवार को ग्यारहवें दिन भी पूर्णत: बंद रहा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Mar 2017 03:03 AM (IST) Updated:Sun, 26 Mar 2017 03:03 AM (IST)
उपेक्षित महसूस कर रहे वित्त रहित शिक्षक : महासंघ
उपेक्षित महसूस कर रहे वित्त रहित शिक्षक : महासंघ

दरभंगा। बिहार राज्य वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में दरभंगा के तीनों मूल्यांकन केंद्रों पर इंटरमीडिएट उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य शनिवार को ग्यारहवें दिन भी पूर्णत: बंद रहा। तीनों मूल्यांकन केंद्रों पर दरभंगा जिला के परीक्षकों ने शांतिपूर्ण ढंग से अलग अलग जत्थों में सरकार विरोधी नारे लगाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। सभी ने अपनी चट्टानी एकता को प्रदर्शित करते हुए यह संकल्प लिया कि मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार से सम्मानजनक समझौता नहीं हो जाता। मौके पर शिक्षक नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि वित्त रहित शिक्षा कर्मी तीन दशकों से अपनी जायज मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। बिहार सरकार एक तरफ तो सामाजिक न्याय के साथ विकास का ढीढोरा पीटती है। वहीं दूसरी ओर वित्त रहित शिक्षा कर्मी ठगा व उपेक्षित महसूस करते हैं। सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रही है। आज विवश होकर शिक्षाकर्मियों को अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलनात्मक रूख को अपनाना पड़ रहा है। जिन्हें महाविद्यालयों में रहकर अपने शैक्षणिक दायित्वों को निर्वहन करना चाहिए। आज उन्हें विवश होकर सरकार के विरुद्ध अनेक आंदोलनात्मक गतिविधियों में शामिल होना पड़ रहा है। साथ ही पटना में अ¨हसक रूप से प्रदर्शन कर रहे प्राथमिक शिक्षकों पर लाठी चार्ज कर बिहार सरकार ने बर्बरता का परिचय दिया है। वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा सरकार की इस कार्रवाई की पूर्ण ¨नदा करता है। मूल्यांकन बहिष्कार कार्यक्रम का नेतृत्व जिला संयोजक प्रो. श्यामाकांत कर्ण, डॉ. ह¨रद्र किशोर मिश्र, सीनेट सदस्य द्वय डॉ. जीवछ यादव एवं डॉ. राम सुभग चौधरी, डॉ. चंद्र कांत मिश्र, प्रो. प्रभात कुमार, डॉ. बासुदेव साह, डॉ. नवल किशोर ¨सह, प्रो. विजय कुमार झा, प्रो. राजीव कुमार झा आदि ने किया।

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