महादलित टोले तक जाने के लिए आज तक नहीं बन सकी सड़क

दरभंगा। कहने को नरमा-नवानगर सांसद आदर्श ग्राम है लेकिन यह आज भी विकास से कोसों दूर है। पंचायत क्षेत्र की कुछ आबादी आज भी नारकीय जीवन जीने को विवश है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 12:10 AM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 12:10 AM (IST)
महादलित टोले तक जाने के लिए आज तक नहीं बन सकी सड़क
महादलित टोले तक जाने के लिए आज तक नहीं बन सकी सड़क

दरभंगा। कहने को नरमा-नवानगर सांसद आदर्श ग्राम है, लेकिन यह आज भी विकास से कोसों दूर है। पंचायत क्षेत्र की कुछ आबादी आज भी नारकीय जीवन जीने को विवश है। पंचायत कि आधी आबादी सड़कों कि दुर्दशा की मार झेल रही है। अधिकांश भागों मे जलजमाव कि समस्या से वर्षा होने पर लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है और कीचड़मय सड़क से लोग आने-जाने को मजबूर हैं। पंचायत क्षेत्र मे सबसे खराब स्थिति प्राथमिक विद्यालय नवनगर दक्षिणी और महादलित टोले तक पहुंचने वाले सड़क की है। खासकर, महादलित टोले तक पहुंचने के लिए तो जिलाधिकारी व डीडीसी ने कई बार स्थानीय प्रशासन को सड़क सहित विभिन्न सुविधा उपलब्ध करवाने का आदेश दिया, लेकिन अब तक ऐसा कुछ हुआ नहीं और लोग आज भी पगडंडी सड़क से गुजरने को विवश हैं। किसानों के खेतों की सिचाई के लिए ना तो राजकीय नलकूप हैं और ना ही किसी कंपनी के मोबाइल का नेटवर्क रहता है। इसके कारण लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र की हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण की टीम जब सांसद आदर्श ग्राम नरमा-नवानगर पहुंची तो लोगों ने खुलकर अपनी-अपनी समस्याएं रखी। मिथिलेश सिंह, दिनेश सिंह, गणेश यादव, शंकर शरण सिंह, लक्ष्मण मलिक, पवित्तर पासवान, रामविलास मुखिया, जोगी राम, रामशरण मंडल, चलित्तर तांती, सिकंदर तांती, हलन नदाफ सहित अन्य लोगों ने एक स्वर में स्वास्थ्य, बिजली, शिक्षा, जलजमाव, राजकीय नलकूप सहित अन्य मामले को सबसे मुख्य समस्या बताया। भैरव कुमार कहते है अब भी कई वृद्धापेंशन धारी हैं जिसे जब से खाता मे पेंशन जाने का प्रावधान आया है। तब से आजकल प्रखंड कार्यालय मे कागजात जमा करने के बावजूद राशि नहीं मिल रहा है। इंतजार मे कई पेंशनर धारी की मौत भी हो गई। लखन यादव का कहना है कि स्कूल भवन क्षतिग्रस्त है, वर्षा होने पर छत से पानी टपकने लगता है, जिससे स्कूल के बच्चे भयभीत रहते हैं।

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नरमा-नवानगर की स्थिति एक नजर में :

आबादी : 11 हजार, वोटर : सात हजार, आंगनवाड़ी केंद्र : छह, प्राथमिक विद्यालय : छह, मध्य विद्यालय : तीन, उच्च विद्यालय : एक, ग्रामीण बैंक : एक

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कहते हैं स्थानीय ग्रामीण : बाढ़ व सुखाड़ स्थायी समस्या बन चुकी है। किसान त्रस्त हैं। सरकार ने राजकीय नलकूप लगाए, लेकिन चालू नहीं होने के कारण फसल बर्बाद होती है। निजी पंपिग सेट से पटवन सभी किसानों के वश की बात नहीं। किसानों को देखने वाला कोई नहीं।

- पप्पू सिंह

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बिजली तो है लेकिन जर्जर तार के कारण जहां-तहां दुर्घटना की स्थिति बनी रहती है। तार टूटने के कारण घंटों बिजली बाधित रहती है। वहीं, लोड शेडिग की समस्या से भी उपभोक्ता परेशान हैं।

- रविद्र सिंह

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सड़क तो है, लेकिन अतिक्रमण और जहां-तहां पानी का बहाव बंद कर दिए जाने से जलजमाव की समस्या भयावह हो गई है। लोगों को इससे कब निजात मिलेगी, पता नहीं।

- कौशल सिंह

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नरमा गांव मे किसी भी मोबाइल कंपनी का नेटवर्क नहीं रहता है। इसके कारण लोगों का मोबाइल सही से काम नहीं करता। आज के युग में मोबाइल सेवा नहीं मिलने से परेशानी का अंदाजा लगाया जा सकता है।

- शक्ति सिंह

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सांसद कोष से गांव मे एक भी विकास कार्य नहीं हुआ। मांग करने पर सिर्फ आश्वासन मिला। इसके सिवा कुछ नहीं मिला। लोग आज भी विकास के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं।

- मिथिलेश सिंह

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पंचायत क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या महादलितों की हे। उनके मोहल्ले तक पहुंचने के लिए आज तक सड़क का निर्माण नहीं हो सका। अधिकारियों का आदेश भी बेअसर रहा।

- बौए सदा

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पंचायत कि मुख्य समस्या जलजमाव है, जिसे दूर करने के लिए नाला निर्माझा अत्यंत आवश्यक है। जनप्रतिनिधियों को तो कोई मतलब नहीं। सरकार की योजनाएं भी फेल हैं।

- गोनिया देवी

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पंचायत क्षेत्र में विकासात्मक कार्य काफी तेज गति से चल रहा है। हर गली व मोहल्ल की सड़कों का पक्कीकरण हुआ है। हालांकि, कुछ सड़कें जमीनी विवाद के कारण नहीं बन रही है जिसे जल्द बनवाने का प्रयास चल रहा है। विकास कार्यों में आम जनता से भी सहयोग की अपील है।

- अनुराधा सिंह, मुखिया

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