प्रथम सांसद श्रीनारायण दास स्मारक स्थल को देखने वाला कोई नहीं

11 अक्टूबर 1992 को जब दरभंगा के प्रथम सांसद केवटी निवासी स्व. श्री नारायण दास की प्रतिमा दरभंगा-जयनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 527 बी के केवटी चौक स्थित श्रीसरस्वती पुस्तकालय परिसर में स्थापित की गई तो माहौल उत्सवी हो उठा था।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Apr 2019 01:16 AM (IST) Updated:Sat, 06 Apr 2019 06:31 AM (IST)
प्रथम सांसद श्रीनारायण दास स्मारक स्थल को देखने वाला कोई नहीं
प्रथम सांसद श्रीनारायण दास स्मारक स्थल को देखने वाला कोई नहीं

दरभंगा । 11 अक्टूबर 1992 को जब दरभंगा के प्रथम सांसद केवटी निवासी स्व. श्री नारायण दास की प्रतिमा दरभंगा-जयनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 527 बी के केवटी चौक स्थित श्रीसरस्वती पुस्तकालय परिसर में स्थापित की गई तो माहौल उत्सवी हो उठा था। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इसका अनावरण किया था। श्रीसरस्वती पुस्तकालय के सौजन्य से यह संभव हुआ था। प्रतिमा मंडप में चारों ओर बिजली बत्ती की व्यवस्था हुई। स्मारक स्थल जगमगा उठा लेकिन देखरेख के अभाव में कुछ ही दिनों बाद बारी-बारी से बल्ब फ्यूज होते गए और अंधेरे का राज कायम हो गया। सन 1952 तक दरभंगा के सांसद रहे स्व. श्रीनारायण दास की जयंती और पुण्यतिथि तो दूर उनकी प्रतिमा पर से धूल साफ करने की भी फुर्सत किसी को नहीं है। स्मारक स्थल की बदहाली पर आमजनों का कहना है कि केवटी में विकास की गंगा बहाने वाले एमपी की प्रतिमा का अनावरण तो कर दिया लेकिन देखरेख के अभाव में यह बदहाल है। जयनगर तथा दरभंगा की तरफ से आने वालों की नजर इस स्मारक स्थल पर पड़ती है तो लोग अपने दिवगंत सांसद की उपेक्षा देख उदास हो जाते हैं। प्रतिमा पर धूल की परतें जमा हैं। केवटी गांव के आदित्य नाथ झा उर्फ ठक्कोजी का कहना है कि अनावरण के समय लोगों की जो आशा जगी थी वह स्थानीय प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षापूर्ण नीति के कारण धूमिल हो गई। कहते हैं कि श्रीनारायण बाबू नहीं रहते तो प्रखंड व अंचल कार्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, थाना आदि केवटी में नहीं होता यह सब अन्यत्र होता। पंडित नवल कुमार झा का कहना है कि इस स्मारक स्थल का सौंदर्यीकरण अति आवश्यक है।

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