12 वर्षो से लंबित पड़ा है सूचना के अधिकार का आवेदन

प्रतिबंधित खाते की एक जमीन को गलत ढंग से रजिस्ट्री कराने का मामला ।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 15 Apr 2018 05:23 PM (IST) Updated:Sun, 15 Apr 2018 05:23 PM (IST)
12 वर्षो से लंबित पड़ा है सूचना के अधिकार का आवेदन
12 वर्षो से लंबित पड़ा है सूचना के अधिकार का आवेदन

सुधीर मिश्र,आरा: भोजपुर। प्रतिबंधित खाते की एक जमीन को गलत ढंग से रजिस्ट्री कराने का मामला सूचना का अधिकार के माध्यम उजागर होने के बावजूद कार्रवाई अब तक लंबित है। खास बात यह है कि वर्ष 2006 के इस मामले में अब तक आधा दर्जन से ज्यादा जिला पदाधिकारी ने जिले में पदभार ग्रहण किए लेकिन किसी ने भी इस मामले में सूचना आयोग के फैसले को कोई तरजीह नहीं दी।

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क्या है मामला:

शहर के मौजा नवादा, वार्ड नंबर- 39, थाना- आरा नवादा, अंचल-आरा, जिला- भोजपुर स्थित बिहार सरकार का एक प्रतिबंधित खाता-1053, खेसरा 2916 व 2917 तथा थाना संख्या-237 स्थित है। इस जमीन की रजिस्ट्री पुराना खाता दिखाकर गलत व गैर कानूनी ढंग से करने की शिकायत पूर्व और बाद में आवेदक ने लोक सूचना पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी सह जिला निबंधन पदाधिकारी को की थी। इसके बावजूद जिला अवर निबंधन कार्यालय ने विक्रय दस्तावेज संख्या- 3083, 308पेज-3 : 12 वर्षो से लंबित पड़ा है सूचना के अधिकार का आवेदन 4, 3085 एवं 3086 दिनांक-15 अप्रैल 2006 ने रजिस्ट्री कर दिया।

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क्या कहते है आवेदक:

शहर के नवादा मोहल्ला निवासी सत्यपाल बताते हैं कि रजिस्ट्री के पूर्व ही वर्ष के 27 फरवरी व 25 मार्च को उक्त पदाधिकारी के पास आवेदन देकर सूचना मांगी गई थी। रजिस्ट्री के बाद फिर दो आवेदन 24 अप्रैल एवं 14 जुलाई को आवेदन देकर कार्रवाई संबंधित जांच प्रतिवेदन की जानकारी मांगा। एक पत्र लोक सूचना पदाधिकारी सह जिला अवर निबंधक कार्यालय से पत्रांक संख्या-1020, दिनांक- 12 नवंबर 2014 मिला। जिसमें कहा गया था कि प्रतिबंधित खाता-1053 का नहीं बल्कि खाता संख्या- 244 का रजिस्ट्री किया गया। पक्षकार द्वारा गलत खाता दिखाकर निबंधित कराना न्यायहित में नहीं है। यह न्यायालय से संबंधित मामला बनता है। निर्णय से क्षुब्ध एवं असंतुष्ट होकर 22 नवंबर 2014 में हीं प्रथम अपील वाद दाखिल किया। काफी इंतजार किए लेकिन जबाव नहीं मिला और नहीं प्रथम अपीलीय प्राधिकार द्वारा आदेश की छाया प्रति दी गई। तत्पश्चात राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया। आवेदन पर सुनवाई के बाद 19 दिसंबर 2016 को पारित आदेश में आवश्यक कार्रवाई करने को निर्देशित किया गया और आदेश के आलोक में जिला पदाधिकारी, भोजपुर द्वारा अब तक क्या कार्रवाई की गई, कार्रवाई का पूर्ण एवं स्पष्ट ब्यौरा प्रदान करने का निर्देश था। आदेश की प्रति जिला पदाधिकारी को देते हुए सूचना की मांग की गई लेकिन आज एक वर्ष बाद भी जबाव नहीं मिला।

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