सिमी और इंडियन मुजाहिदीन को जिंदा करने की तैयारी में जैश, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

गांधी मैदान तथा बोध गया में सीरियल बम विस्फोट कराने के बाद कमजोर पड़ चुके इंडियन मुजाहिदीन नामक आतंकी संगठन को फिर से जिंदा करने की साजिश रची गई है। इंटेलिजेंस सतर्क हो गया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Wed, 10 Oct 2018 08:22 PM (IST) Updated:Thu, 11 Oct 2018 03:43 PM (IST)
सिमी और इंडियन मुजाहिदीन को जिंदा करने की तैयारी में जैश, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
सिमी और इंडियन मुजाहिदीन को जिंदा करने की तैयारी में जैश, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

भागलपुर (कोशल किशोर मिश्रा)। कश्मीर घाटी में सीमा पार से कराए जा रहे आतंकी घुसपैठ पर भारी पड़ रहे सैन्य अभियान से बौखलाए आतंकियों ने देश के कई हिस्सों में हिंसा फैलाने की काली योजना बनाई है। सीमा पार से मिलने वाली मदद के बूते आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आकाओं ने देश के कई हिस्से में हिंसा फैलाने की साजिश रची है।

इसी कड़ी में सूबे में मृत प्राय हो चुके स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया सिमी। गांधी मैदान तथा बोध गया में सीरियल बम विस्फोट कराने के बाद कमजोर पड़ चुके इंडियन मुजाहिदीन नामक आतंकी संगठन को फिर से जिंदा करने की साजिश रची गई है। दोनों संगठनों से जुड़े छात्रों को घातक हथियार और विस्फोटक मुहैया कराए जाने की सूचना पर इंटेलिजेंस सतर्क हो गया है।

इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक तकनीकी निगरानी और जालंधर में एके-47, इटैलियन पिस्टल, मैंगजीन के साथ पकड़े गए इंजीनियरिंग कॉलेज के तीन छात्रों से मिली जानकारी पर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई है। सुरक्षा एजेंसियां नेपाल से सटे सीमांचल इलाके और भागलपुर से कश्मीरी कनेक्शन को खंगालना शुरू कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियां मिले इनपुट के आधार पर बिहार के सीमांचल, दरभंगा और भागलपुर के इलाके की निगरानी बढ़ा दी है। हथियार आपूर्ति की सूचना पर सतर्कता से जांच की जा रही है। हाल में जबलपुर सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो से गायब हुए एके-47 को मुंगेर ले आने की घटना से सुरक्षा एजेंसियों का फोकस भागलपुर जोन और नेपाल से सटे सीमांचल इलाके पर बढ़ गया है।

28 साल पूर्व आतंकी मुन्ना कश्मीरी की पड़ी थी भागलपुर में काली छाया

इलाके पूर्व में घाटी से गर्म कपड़े का व्यवसायी बता भागलपुर में प्रवास कर रहे मुन्ना कश्मीरी नामक आतंकी ने भागलपुर के दस युवकों को पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग दिला पूर्वी बिहार को दहलाने की साजिश रची थी। तब 3 मई 1994 में भागलपुर पुलिस ने साजिश का खुलासा करते हुए मुहम्मद सलालुद्दीन समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया था।

जिसमें मुहम्मद सऊद, दाऊद बख्श, मुहम्मद इस्तेखार, मुहम्मद सर्फ उर्फ गुलाम कादिर, लाल मुहम्मद उर्फ लाल बाबू, मुहम्मद शमशेर, मुहम्मद नौशाद, मुहम्मद तबरेज और गयानंद मंडल शामिल थे। भागलपुर पुलिस ने तब एक क्विंटल घातक विस्फोटक, कई डेटोनेटर, उपकरण आदि बरामद किए गए थे। बरामद विस्फोटक की जांच में यह बात सामने आई थी कि विस्फोटक प्लास्टिक श्रेणी के थे जिसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर विस्फोट कराने में किया जाता रहा है। तब सूबे मे टाडा मामले में पहली प्राथमिकी भागलपुर के हबीबपुर थाने में दर्ज की गई थी।

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