TMBU छात्र संघ चुनाव : अभाविप और छात्र राजद की नजर निर्दलीय काउंसलर पर

विभिन्‍न कॉलेजों में विजयी निर्दलीय कॉलेज प्रतिनिधियों पर अभाविप और छात्र राजद की नजर है। निर्दलीय कॉलेज प्रतिनिधि ही विवि के छात्र संघ के अधिकारियों को तय करेंगे।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Wed, 30 Jan 2019 04:42 PM (IST) Updated:Thu, 31 Jan 2019 03:38 PM (IST)
TMBU छात्र संघ चुनाव : अभाविप और छात्र राजद की नजर निर्दलीय काउंसलर पर
TMBU छात्र संघ चुनाव : अभाविप और छात्र राजद की नजर निर्दलीय काउंसलर पर

भागलपुर [जेएनएन]। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का छात्रसंघ चुनाव किसी भी छात्र संगठनों के लिए आसान नहीं होगा। इस बार के चुनाव में 47 काउंसलर विवि पैनल का चुनाव करेंगे। पहले से ही यह तय माना जा रहा था कि दो छात्र संगठनों के बीच विवि पैनल के लिए टक्कर होगी। ऐसा ही हुआ। चुनाव में सीधी टक्कर विद्यार्थी परिषद् और छात्र राजद के बीच हुई है। जिस संगठन के पास कम से कम 24 काउंसलर होंगे, उसके ही विवि पैनल बनाने की संभावना ज्यादा होगी। 2018 के चुनाव में 86 काउंसलर में से 54 विद्यार्थी परिषद् के थे। जिसके कारण विवि पैनल पर पूरी तरह परिषद का कब्जा हो गया था। लेकिन इस बार समीकरण बिल्कुल बदल गया है।

विद्यार्थी परिषद् के विवि संयोजक जयप्रीत मिश्र ने दावा किया है कि परिषद के लगभग 25 काउंसलर जीते हैं। ऐसे में परिषद ही पैनल बनाएगी। लेकिन छात्र राजद के विवि अध्यक्ष दिलीप कुमार का दावा है कि संगठन के 21 से ज्यादा काउंसलर जीते हैं। इनमें लॉ कॉलेज में उसके और छात्र हम के समर्थन से जीते छात्र एकता के काउंसलर भी हैं। जीबी कॉलेज और सबौर कॉलेज में जीते एक-एक काउंसिलर को निर्दलीय बताया जा रहा है। हालांकि इनमें से एक पर छात्र जदयू दावा कर रहा है। दूसरी तरफ कॉमर्स संकाय से जीते काउंसलर पर परिषद् और छात्र राजद दावा कर रहे हैं। रिजल्ट जारी होने के बाद कॉमर्स संकाय से जीत दर्ज करने वाली काउंसलर परिषद कार्यकर्ताओं के साथ जुलूस में शामिल हुई।

लेकिन छात्र राजद का कहना है कि काउंसलर ने परिषद के दबाव में ऐसा किया। ऐसे में सबौर कॉलेज, जीबी कॉलेज और कॉमर्स की काउंसलर को छोड़ शेष 44 काउंसिलर में फिलहाल विद्यार्थी परिषद् छात्र राजद से थोड़ा आगे दिख रहा है। ये तीनों काउंसलर अगर परिषद् के साथ रहे तो विवि पैनल बनाना तय हो जाएगा। लेकिन अगर ये तीनों काउंसिलर छात्र राजद के साथ गए तो छात्र राजद के काउंसलर की संख्या 24 से बढ़ सकती है और परिषद् 23 काउंसिलर पर अटक सकती है और छात्र राजद आगे होगा। ऐसी स्थिति में इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि काउंसलर को तोडऩे का खेल शुरू होगा और दोनों संगठन खुद को मजबूत करने के लिए ऐसा कर सकते हैं। परिषद् खुद को और मजबूत करना चाहेगी, जबकि छात्र राजद 24 का आंकड़ा छूना चाहेगा। ऐसे में निर्दलीय काउंसलर की भूमिका अहम रहेगी। यह भी देखना होगा कि छात्र जदयू क्या करता है।

chat bot
आपका साथी