TMBU : खुफिया विभाग ने मांगी प्रभारी कुलपति पर लगे आरोपों की रिपोर्ट, छात्रों का भी जारी है विरोध
TMBU टीएमबीयू के वर्तमान प्रभारी कुलपति डॉ. संजय कुमार चौधरी के विरोध को लेकर खुफिया विभाग भी सक्रिय हो गया है। स्थानीय अफसरों ने कुलसचिव से इस संबंध में मांगी लिखित जानकारी। छात्रों के लगातार विरोध के कारण सक्रिय हुआ है विभाग।
भागलपुर, जेएनएन। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के वर्तमान प्रभारी कुलपति डॉ. संजय कुमार चौधरी के विरोध को लेकर खुफिया विभाग भी सक्रिय हो गया है। डॉ. चौधरी पर लगे वित्तीय अनियमितता मामले की पूरी रिपोर्ट खुफिया विभाग ने कुलसचिव से मांगी है। उनके दो अफसर इस मामले को लेकर मंगलवार को टीएमबीयू के कुलसचिव डॉ. निरंजन कुमार यादव से मिलने पहुंचे थे। हालांकि दीक्षांत समारोह की बैठक होने के कारण उनकी कुलसचिव से मुलाकात नहीं हो सकी। उन लोगों ने जानकारी मांगने से संबंधित पत्र कुलसचिव कार्यालय को सौंप दिया है।
छात्र संगठन लगातार कर रहे है आंदोलन
कुलपति का प्रभार टीएनबी कॉलेज प्राचार्य को मिलते ही विरोध शुरू हो गया था। इस लेकर विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने लगातार अलग-अलग तिथियों में आंदोलन किया। उनका विरोध बंद होते ही छात्र जदयू प्रभारी कुलपति के विरोध में आंदोलन कर रहा है। वे लोग आक्रोशित होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके नेताओं ने कहा है कि जब तक डॉ. चौधरी को हटाया नहीं जाएगा तब तक वे लोग आंदोलन करते रहेंगे।
मुरारका और टीएनबी कॉलेज में रहते हुए लगे थे वित्तीय अनियमितता के आरोप
बता दें कि डॉ. चौधरी पर मुरारका कॉलेज में प्राचार्य रहते हुए वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे थे। इसी तरह टीएनबी कॉलेज में रहते हुए भी उन पर कॉलेज के पूर्व प्रशाखा पदाधिकारी ने 80 लाख रुपये गबन का आरोप लगाया था। उन पर 11 आरोप लगाए गए थे। दोनों मामलों में तत्कालीन कुलपति ने एक जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी ने डॉ. चौधरी पर लगाए गए सभी आरोपों की बारीकी से जांच की। जिसमें उन्हें दोषी पाया गया।
कई बिंदुओं पर प्रभावित किया गया जांच
टीएनबी कॉलेज मामले में लगाए गए 11 आरोपों में चार को सही पाते हुए कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी। बांकी के सात मामलों की जांच के बारे में लिखा है कि वह वहां के कर्मियों के कारण पूरी नहीं हो सकी। उस जांच को प्रभावित किया गया। रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि डॉ. चौधरी पर लगाए गए वित्तीय अनियमितता का आरोप सही है। जांच कमेटी ने उनके विरूद्ध प्रतिकूल और गंभीर टिप्पणी करते हुए उनके तबादले और सख्त कार्रवाई की अनुशंसा कुलपति से की थी। तत्कालीन कुलपति को कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।