शिक्षक पढ़ रहे 'बापू की पाती' और 'एक था मोहन', फिर पढ़ाएंगे छात्रों को Bhagalpur News

मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९-३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक व आध्यात्मिक नेता थे। देशभक्ति सत्य व अहिंसा को समर्पित था उनका जीवन।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Fri, 13 Sep 2019 09:25 AM (IST) Updated:Fri, 13 Sep 2019 09:25 AM (IST)
शिक्षक पढ़ रहे 'बापू की पाती' और 'एक था मोहन', फिर पढ़ाएंगे छात्रों को Bhagalpur News
शिक्षक पढ़ रहे 'बापू की पाती' और 'एक था मोहन', फिर पढ़ाएंगे छात्रों को Bhagalpur News

भागलपुर/लखीसराय [जेएनएन]। दो अक्टूबर से गांधी कथा वाचन की स्कूलों में नए सिरे से शुरूआत होगी। इसको लेकर भागलपुर स्थित नवस्थापित जिला स्कूल में 56 शिक्षकों का दो दिवसीय जिलास्तरीय प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ। मास्टर ट्रेनर के लिए चयनित प्रारंभिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के इन शिक्षकों को क्रमश बापू की पाती एवं एक था मोहन पुस्तक उपलब्ध करा दिया गया है। बच्चे प्रत्येक दिन इन पुस्तकों का वाचन करेंगे, ताकि गांधी के विचारों को वे आत्मसात कर सकें। प्रशिक्षण गुरुवार से ही चल रहा हैं।

इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित टीएमबीयू गांधी विचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. विजय कुमार सिंह ने वर्तमान समय में गांधी के विचारों की प्रासंगिकता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। शिक्षकों को प्रशिक्षण राज्यस्तर से प्रशिक्षण प्राप्त कर आए प्रशिक्षण अविनाश कुमार, नीलू कुमारी, किरण, अनामिका, मिथिलेश आदि दे रहे हैं। 

प्रशिक्षण में उपस्थित हैं 
इस अवसर पर मध्य विद्यालय फुलबड़िया की शिक्षिका नलिनी, मध्य विद्यायल जमगांव के प्रधानाचार्य सुभाष चंद्र पासवान, मध्य विद्यालय बलुआचक की शिक्षिका खुशबू कुमारी, लोकनाथ हाई स्कूल जगदीशपुर की बबिता कुमारी, लोकनाथ हाई स्कूल जगदीशपुर की गीतांजलि भारती के अलावा धनंजय कुमार, अनिता कुमारी, फणिभूषण कुमार सिंह, जयश्री ​कुमारी, विनीत रंजन, निशिकांत रजक, अर्चना राय, अर्पिता कुमारी, मनीष चंद्र राणा, नम्रता सिंह, पुनीत कुमार, सुमोना रिंकू घोष, रामचंद्र झा, राजीव झा, विनय कुमार यादव, ममता कुमारी, विनोद कुमार, ओम प्रकाश साहू, अर्पणा सागर, ब्रजेश कुमार मंडल, सिया जानकारी, मृत्यंजय कुमार वर्मा, प्रीतम कुमार, अनिता सहित सहित 56 शिक्षकों ने प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण के उपरांत ये शिक्षक प्रखंडों के सभी स्कूलों के दो-दो शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का काम करेंगे।

गांधी जी चाहते थे हर हाथ को काम मिले
प्रशिक्षण लेने आईं मध्य विद्यालय बलुआचक की शिक्षिका खुशबू कुमारी ने कहा कि यह प्रशिक्षण हमारे लिए भी उपयोगी साबि‍त होगा। हमें भी गांधी जी के कई अनछुए पहलुओं की जानकारी मिल रही है। उन्होंने कहा कि भारत को जानना और समझना है तो गांधी के विचारों को जानना होगा। गांधी जी जात-पात, ऊंच-नीच, अमीर-गरीब में भेदभाव नहीं चाहते थे। वे भारत में रामराज्य की स्थापना करना चाहते थे। स्वच्छता, स्वरोजगार, स्वध्याय पर उनका जोर रहता था। वे एक ऐसे संत थे, जिन्होंने अपना जीवन भारत को समर्पित कर दिया था। गो सेवा, गो पालन, लघु एवं कुटीर उद्योग, खेती आदि पर उनका जोर रहता था। वे कहते थे भारत की आत्मा गांवों में बसती है। वे गांवों का विकास चाहते हैं। गांधी जी चाहते थे हर हाथ को काम मिले। खुशबू ने कहा कि यहां प्रशिक्षण लेने आए सभी शिक्षकों को 'बापू की पाती' और 'एक था मोहन' पुस्तकें मिलीं हैं। उन्होंने कहा इस पुस्तक को पढ़ने से गांधी जी को और समझने का मौका मिलेगा।

लखीसराय : गांधी कथा वाचन को लेकर प्रशिक्षु शिक्षकों को मिला प्रशिक्षण
सरकारी विद्यालयों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन चरित्र की जानकारी एवं उसे आत्मसात करने के लिए बच्चों के बीच गांधी कथावाचन किया जाएगा। इसकी तैयारी लखीसराय शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही है। विद्यालय स्तर पर इस कार्यक्रम को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए जिले के चयनित प्रशिक्षु शिक्षकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण गुरुवार को डायट लखीसराय में शुरू हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन समग्र शिक्षा अभियान के डीपीओ उपेंद्र कुमार ने किया। मास्टर ट्रेनर के रूप में डॉ. निशा कुमारी, अनुपम कुमारी, डॉ. मनोज कुमार चौधरी एवं दिव्यांशु ने बारी-बारी से प्रशिक्षु शिक्षकों को एक था मोहन और बापू की पाती किताब के माध्यम से गांधी जी के जीवन चरित्र की जानकारी देने संबंधित जानकारी विस्तार से दी। मास्टर ट्रेनर डॉ. निशा कुमारी ने बताया कि गांधी कथा वाचन के माध्यम से बच्चों को गांधी जी की जीवनी से अवगत कराना है। प्रशिक्षु शिक्षक प्रशिक्षण लेने के बाद प्रखंडों में जाकर विद्यालय के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने बताया कि आगामी दो अक्टूबर को गांधी जयंती के 150 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में देश भर के सरकारी विद्यालयों में यह कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।

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