JDU Virtual Dialog : बोले मंत्री- विक्रमशिला के समानांतर पुल निर्माण का रास्त साफ, शीघ्र होगा टेंडर

JDU Virtual Dialog पुल के निर्माण में दो हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। सरकार की योजना 2024 तक निर्माण पूरा करने की है। 19 साल पूरा कर चुका विक्रमशिला सेतु की भी अच्छी स्थिति नहीं

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Thu, 30 Jul 2020 07:51 AM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2020 07:51 AM (IST)
JDU Virtual Dialog : बोले मंत्री- विक्रमशिला के समानांतर पुल निर्माण का रास्त साफ, शीघ्र होगा टेंडर
JDU Virtual Dialog : बोले मंत्री- विक्रमशिला के समानांतर पुल निर्माण का रास्त साफ, शीघ्र होगा टेंडर

भागलपुर, जेएनएन। JDU Virtual Dialog : विक्रमशिला सेतु के बगल में बनने जा रहे समानांतर पुल की रूपरेखा (अलाइमेंट) को मंत्रालय की स्वीकृति मिल गई है। तीन दिनों के भीतर टेंडर जारी कर दिया जाएगा। यह जानकारी ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने जदयू के वर्चुअल संवाद में दी। हालांकि, पुल के निर्माण में दो हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। सरकार की योजना 2024 तक निर्माण पूरा करने की है। 19 साल पूरा कर चुका विक्रमशिला सेतु की भी अच्छी स्थिति नहीं है। इस पर वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया है।

बीते वर्ष 23 अक्टूबर को सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के उच्चाधिकारियों की टीम ने समानांतर पुल के निर्माण स्थल का निरीक्षण किया था। बरारी श्मशान घाट की ओर नए पुल निर्माण में कम भूमि अधिग्रहण करने की जरूरत पड़ेगी। पांच सौ मीटर ही पहुंच पथ बनाना पड़ेगा। यही नहीं विक्रमशिला सेतु की तरह ही नए पुल की लंबाई भी 4.5 किलोमीटर ही होगी। नवगछिया से महज नौ किलोमीटर की दूरी होगी।

इतनी होगी पुल की लंबाई

बरारी श्मशान घाट की ओर से बनने से भागलपुर जीरोमाइल से नवगछिया तक की दूरी 11.540 किलोमीटर है, जिसमें पुल भी शामिल है। बरारी श्मशान घाट की ओर गंगा की मिट्टी की जांच भी कराई गई है। विभाग के अनुसार 10 जुलाई को सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की टीम द्वारा की गई अलाइमेंट की जांच रिपोर्ट में बरारी श्मशान घाट पर सहमति जताई थी। एनएच विभाग मुख्य अभियंता अनिल कुमार सिन्हा ने बताया था कि पुल निर्माण निगम को जल्द डीपीआर तैयार कर सौंपने का निर्देश दिया गया है। मंत्रालय की स्वीकृति के बाद टेंडर की प्रक्रिया तीन दिनों में होगी।

पुल के नीचे से गुजर सकेगा जहाज

68 पाये वाले इस पुल निर्माण में 21.3 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी, जिसमें 2.2 हेक्टेयर सरकारी भूखंड है जबकि 19.1 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण राज्य सरकार अपने कोष से करेगी। पुल के नीचे से पानी का जहाज आसानी से निकल सकेगा। इसके लिए इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया की आवश्यकता के अनुसार पायों के बीच में जगह और ऊंचाई प्रदान की जाएगी। पुल निर्माण के लिए 21.3 हेक्टेयर आवश्यकता वाली जमीन के लिए 70 रैयतों की जमीन को अधिग्रहित किया जाएगा। जमीन के दावा आपत्ति की प्रक्रिया को पूरी कर ली गई है। वहीं सरकारी जमीन के लिए जगदीशपुर, खरीक और सबौर के सीओ ने जिला प्रशासन को रिकार्ड उपलब्ध भी करा दिया है।

गाडिय़ों का दबाव होगा कम

इस पुल के बन जाने से कोसी-सीमांचल और पूर्व बिहार के जिलों को लाभ मिलेगा। यही नहीं पश्चिम के जिलों और पुलों का बोझ भी काफी कम होगा। राज्य के सीमांचल का झारखंड के साथ सड़क संपर्क तो सुगम होगा ही, पश्चिम बंगाल के साथ भी कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी। इस समानांतर पुल के निर्माण से विक्रमशिला पुल पर गाडिय़ों का दबाव कम होगा।

मुख्‍य बातें

मंत्रालय से मिली स्वीकृति, तीन दिनों के भीतर जारी हो जाएगा टेंडर

जदयू के वर्चुअल संवाद में ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने दी जानकारी

2024 तक में निर्माण पूरा करने की है सरकार की योजना

4.5 किलोमीटर लंबा पुल गंगा पर बनाया जाएगा

11.540 किलोमीटर लंबाई में भागलपुर जीरोमाइल से नवगछिया तक बनेगा पुल और पहुंच पथ

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