एक-दूसरे के सिर घुमायी जा रही टोपी: सीएम नीतीश 16 जनवरी को कैसे करेंगे 11.5 करोड़ के अर्धनिर्मित घोरघट पुल का उद्घाटन? पढ़ें ये रिपोर्ट

सीएम नीतीश कुमार 16 जनवरी को भागलपुर-मुंगेर सीमा पर मणि नदी पर घोरघट पुल का उद्घाटन करने वाले हैं। इस बाबत कार्यक्रम पहले से शेड्यूल है लेकिन अबतक पुल का निर्माण नहीं हो सका है। उधर अधूरे पुल के उद्घाटन की तैयारी जोर शोर से की जा रही है...

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Fri, 14 Jan 2022 10:03 PM (IST) Updated:Fri, 14 Jan 2022 10:03 PM (IST)
एक-दूसरे के सिर घुमायी जा रही टोपी: सीएम नीतीश 16 जनवरी को कैसे करेंगे 11.5 करोड़ के अर्धनिर्मित घोरघट पुल का उद्घाटन? पढ़ें ये रिपोर्ट
अधूरा पुल, कैसे हो सकता है उद्घाटन?

आलोक कुमार मिश्रा, भागलपुर : भागलपुर-मुंगेर सीमा पर मणि नदी पर घोरघट पुल का निर्माण कार्य जारी है। लेकिन अर्धनिर्मित इस पुल के उदघाटन की तिथि भी निर्धारित कर दी गई। 16 जनवरी को मुख्यमंत्री से उद्घाटन कराने की तैयारी में जुटे विभाग की ओर से अर्धनिर्मित इस पुल का रंगरोगन कराया जा रहा है। यही नहीं, अब मामला फंसते देख उद्घाटन कराने के संबंध में दो विभागों के बीच उलझन की स्थिति उत्पन्न हो गई है। पुल निर्माण निगम और एनएच विभाग के अधिकारी एक-दूसरे को टोपी ट्रांसफर करने में जुट गए हैं। इसलिए कि उद्घाटन होने वाले इस पुल के पहुंच पथ का निर्माण नहीं हो सका है।

दो सौ मीटर बनने वाले पहुंच पथ में मिट्टी भराई का काम तो हो चुका है, लेकिन अबतक बिटुमिनस (छरी-अलकतरा) का काम नहीं हो सका है। अभी बोल्डर पिचिंग का काम भी अधूरा है। ऐसी स्थिति में रविवार की सुबह तक पहुंच पथ का निर्माण पूरा होने की संभावना काफी कम है। यदि आनन-फानन कर भी दिया जाएगा तो सड़क (पहुंच पथ) टिकाऊ नहीं होगा। भारी वाहनों का दबाव झलने की स्थिति में नहीं होगा। पुल निर्माण निगम के कनीय अभियंता अनिल कुमार और इंद्रदेव प्रसाद की देखरेख में पुल निर्माण कराया जा रहा है।

दरअसल, सवा साल पहले एनएच विभाग से घोरघट पुल बनाने की जिम्मेदारी पुल निर्माण निगम को मिला था। इससे पहले एनएच विभाग चड्डा एंड चड्डा कंपनी से पुल बनवा रहा था। सालभर में बनने वाला यह पुल 10 साल से अधूरा पड़ा था। बनाने में विलंब होने के कारण निर्माण की राशि साढ़े सात करोड़ से बढ़कर 11.5 करोड़ हो गई। पुल निर्माण निगम ने पटना की ठेका एजेंसी ब्रिज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड से पुल बनवाया है।

इस पुल का निर्माण 25 अप्रैल 2012 में शुरू हुआ था। चड्ढा एंड चड्ढा कंपनी को 7.61 करोड़ से पुल बनाने का काम मिला था। यह पुल 24 अक्टूबर 2013 में बनाकर तैयार होना था। इस पुल के निर्माण में 5.29 करोड़ रुपये एनएच विभाग ने खर्च भी किया था। बावजूद इस पुल के तीन स्पैन तैयार नहीं हो सके। पुल अधूरा ही रह गया। उक्त ठेका एजेंसी से काम छीन पुल निर्माण निगम को बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी थी। दिवालिया के कगार पर पहुंचने सीएंडसी के कार्रवाई करते हुए विभाग ने एजेंसी का 40 लाख सिक्योरिटी मनी कर ली गई।

इस पुल का निर्माण वर्ष 2012 में पूरा होना था, लेकिन निर्माण एजेंसी काम पूरा नहीं कर सकी। अधूरा काम छोड़कर भागने वाली एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एनएच विभाग द्वारा फिर इस पुल का दोबारा टेंडर किया गया, लेकिन एक भी एजेंसी द्वारा दिलचस्पी नहीं दिखाने पर टेंडर रद करना पड़ा। दोबारा डीपीआर बनाने के बाद टेंडर किया गया। एजेंसियों के रूचि नहीं लेने की स्थिति में इसी तरह तीन साल तक टेंडर की प्रक्रिया चलती रही। वर्ष 2015 में डीपीआर बनाने के बाद फिर इस पुल का टेंडर किया गया।

7.61 करोड़ की लागत से बनने वाले इस पुल का ठेका सीएंडसी को मिला। एक स्पेन का काम अधूरा छोड़ एजेंसी ने जुलाई 2019 में काम बंद दिया। साथ ही, इस पुल को एनएच विभाग से पुल निर्माण निगम को बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। साल पहले इस पुल के निर्माण का ठेका ब्रिज कंस्ट्रक्श्न को मिला। दिसंबर 2020 में एजेंसी ने निर्माण कार्य शुरू किया, लेकिन 45 दिन के प्रयास के बाद भी ठीकेदार पीलर गाडऩे में असफल रहा है। हालांकि काफी प्रयास करने पर 100 फिट अंदर गाड़ा गया।

भागलपुर और मुंगेरवासियों को होगी सुविधा

-पुल के उदघाटन के साथ ही सफर हो जाएगा आसान -10 सालों से बंद दो कमिशनरी शहर भागलपुर-मुंगेर के बीच शुरू हो जाएगी बस सेवा -इस पुल के चालू होने से मुंगेर से भागलपुर आने और भागलपुर से मुंगेर जाने वालों को ट्रेनों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। -भागलपुर से पटना का सफर भी आसान हो जाएगा। 30 किलोमीटर से अतिरक्ति चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। पुल की लंबाई-59 मीटर पुल की चौड़ाई-16 मीटर पुल के पहुंच पथ-200 मीटर पुल निर्माण की लागत 11.5 करोड़

'बिहार राज्य पुल निर्माण निगम को पुल निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उदघाटन कराने की जिम्मेदारी एनएच विभाग की है। इसलिए 16 तारीख को उद्घाटन होगा या नहीं इसके बारे में एनएच के अधिकारी ही बता सकते हैं।' -विजय कुमार, वरीय परियोजना अभियंता, पुल निर्माण निगम।

'घोरघट पुल एनएच विभाग से पुल निर्माण निगम को हस्तांतरित कर दिया गया है। इसलिए अब पुल निर्माण पूरा करने से लेकर इसके उदघाटन कराने तक कि जवाबदेह पुल निर्माण निगम की है न कि एनएच विभाग का।'-अरविंद कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता, एनएच विभाग।

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