जेबखर्च से असहाय और गरीबों की मदद कर रही यूथ टीम
18 वर्ष तक की उम्र के बच्चे शरारत के लिए पहचाने जाते हैं। गली-मोहल्ले में टोलिया बनाकर अकसर इन्हें हुड़दंग करते देखा जाता है लेकिन मस्ती की इस उम्र में शहर के कुछ बच्चे जनसेवा की मिसाल पेश कर रहे हैं।
भागलपुर। 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चे शरारत के लिए पहचाने जाते हैं। गली-मोहल्ले में टोलिया बनाकर अकसर इन्हें हुड़दंग करते देखा जाता है, लेकिन मस्ती की इस उम्र में शहर के कुछ बच्चे जनसेवा की मिसाल पेश कर रहे हैं। बिना किसी मदद के न केवल गरीब व बेसहारा की मदद करते हैं, बल्कि आमजन को लोगों की मदद के लिए भी जागरूक कर रहे हैं। इन सभी कायरें को बखूबी अंजाम दे रही है शहर की यूथ टीम।
यह टीम औसत 18 साल की उम्र के उन बच्चों की है, जो जनसेवा का जज्बा रखते हैं। टीम में शामिल बच्चे घर से मिलने वाले जेबखर्च से पैसे बचाकर उसे गरीब व असहाय पर खर्च करते हैं। इन बच्चों का कहना है कि वे लोग यह काम किसी पब्लिसिटी के लिए नहीं, बल्कि दीन-दुखियों करने के लिए कर रहे हैं। इससे उन लोगों को आत्मशाति मिलती है। चार सौ लोगों की मदद की
शनिवार को भी शहर के विभिन हिस्सों में यूथ टीम की ओर से असहाय बच्चे, महिलाएं और बुजुगरें के बीच कपड़ा, चूड़ा, मिठाई आदि का वितरण किया गया। स्लम बस्ती और सड़क किनारे रहने वाले करीब 400 लोगों की यूथ टीम ने मदद की। श्वेताक सिंह ने बताया कि ऐसे लोगों की सहायता के लिए यूथ टीम हमेशा खड़ी है। इस दौरान अंकित तोमर, निशात सिंह, अभिषेक, रोहित, गीता कुमारी, राजेश सिंह सहित कई यूथ थे।