देश में हर साल बढ़ रहे 15 लाख नए कैंसर मरीज

देश में प्रतिदिन 15 लाख नए कैंसर के मरीजों में वृद्धि हो रही है। कारण है कि अपने देश में नौ फीसद ही मरीज समय पर इलाज करा पाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Jun 2018 08:30 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jun 2018 02:11 AM (IST)
देश में हर साल बढ़ रहे 15 लाख नए कैंसर मरीज
देश में हर साल बढ़ रहे 15 लाख नए कैंसर मरीज

भागलपुर। देश में प्रतिदिन 15 लाख नए कैंसर के मरीजों में वृद्धि हो रही है। कारण है कि अपने देश में नौ फीसद ही मरीज समय पर इलाज करा पाते हैं। जबकि 91 फीसद मरीज एडवांस स्टेज में कैंसर का इलाज कराने के लिए अस्पतालों में आते हैं। यही वजह है कि देश में कैंसर का इलाज अन्य बीमारियों की तुलना में बड़ी चुनौती बन गई है।

यह जानकारी मंगलवार को हीलिंग टच हॉस्पीटल में आयोजित निश्शुल्क कैंसर जांच एवं जागरूकता शिविर में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए महावीर कैंसर संस्थान, पटना के पूर्व निदेशक एवं पदमश्री डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि कैंसर की रोकथाम के लिए बहुत जरूरी है कि लोगों को जागरूक किया जाए। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए चिकित्सा अभियान चलाने की जरूरत है।

डॉ. सिंह के मुताबिक, विज्ञान के क्षेत्र में देश का विकास हुआ है। किंतु कैंसर के इलाज को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है। इस संदर्भ में विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि 90 फीसद मरीज कैंसर के एडवांस स्टेज में इलाज के लिए आते हैं। नतीजतन नौ फीसद मरीज ही बीमारी से उबर पाते हैं।

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कार्यक्रम की शुरूआत डॉ. दिलीप सिंह, रूप कुमारी सिंह, डॉ. संजय सिंह, डॉ. प्रतिभा सिंह, डॉ. सिद्धार्थ जय सिंह के अलावा डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह और डॉ. सनातन कुमार ने दीप जलाकर की। उसके बाद विभिन्न इलाकों से हीलिंग टच हॉस्पीटल पहुंचे कैंसर मरीजों के शुरूआती लक्षण की पड़ताल की गई। इनमें सर्वाइकल कैंसर, ओरल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और मूत्र रोग संबंधी कैंसर शामिल रहे।

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कैंसर और उनके लक्षण :

1. सर्वाइकल कैंसर :

- यौन के निचले हिस्से में दर्द,

- बदबूदार यूरीन

- असामान्य खून का बहना

- वाइट डिस्चार्ज

- भूख कम लगना

- वजन कम होना

2. स्तन कैंसर :

- गांठ होना

- असमान्य तरीके से बढ़ना

- निप्पल का लाल पड़ना या फिर खून का रिसना

- स्तन में उभार या असामान्य मोटाई

3. ओरल कैंसर :

- मुंह में हो रहे छाले या घाव

- जबड़ों से रक्त का आना या जबड़ों में सूजन होना

- मुंह का कोई ऐसा क्षेत्र जिसका रंग बदल रहा है

- गालों में लंबे समय तक रहने वाली गांठ

- बिना किसी कारण लंबे समय तक गेले में सूजन होना

4. मूत्र संबंधी कैंसर -

- पेशाब में खून आना

- रूक-रूक कर पेशाब होना

- बिना दर्द के पेशाब में खून आना

- लिंग के ऊपर घाव या सफेद दाग होना।

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ओरल कैंसर के सर्वाधिक मरीज युवा वर्ग : डॉ. सनातन

ओरल कैंसर के बारे में डॉ. सनातन कुमार ने बताया कि अपने यहां गुटका और तंबाकू के अत्यधिक प्रयोग के कारण यह बीमारी हो रही है। इसके अलावा दांत खराब होने पर रगड़- रगड़कर भोजना करने, खाने के वक्त नकली दांत के हिलने से यह रोग उत्पन्न होता है। इसको ओरल सब म्यूकस फाइब्रोरोसिस कहते हैं। यह बीमारी होने के पश्चात यदि मुंह खोलने की स्थिति होगी तभी इलाज संभव होगा वरना उसका ऑपरेशन किए बिना उपचार संभव नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बीमारी की चपेट में आकर सबसे अधिक युवा वर्ग प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए स्कूल और कॉलेजों में शिविर आयोजित कर लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है। डॉ. सनातन कुमार ने कहा कि यदि ओरल कैंसर एडवांस स्टेज में पहुंच जाता है तो फिर पांच साल से अधिक समय तक जीना कठिन हो जाता है।

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गर्भाशय कैंसर के लिए पेट दर्द बड़ी बात : डॉ. प्रतिभा सिंह

डॉ. प्रतिभा सिंह ने कहा कि महिलाओं में गर्भाशय के मुंह पर जख्म (सर्वाकल कैंसर) और स्तन कैंसर के अलावा अंडाणु और बच्चादानी खाल को लेकर भी कैंसर के रोग अधिक हो रहे हैं। शुरूआती दौर में यदि महिलाएं पेट दर्द की, खून गिरने की या माहवारी बंद होने की शिकायत करती है तो सामान्य इलाज की प्रक्रिया से कैंसर का पता नहीं चल पाता है। किंतु बच्चेदानी के अंदर दूरबीन डालने पर कैंसर होने की जानकारी मिल जाती है। हालांकि यह सुविधा भागलपुर में कम चिकित्सकों के पास है। डा. प्रतिभा सिंह ने कहा कि यह बीमारी खानपान, वजन बढ़ने, हार्मोनल चेंज होने से उत्पन्न होती है। लेकिन कई घटनाक्रम में देखा गया है कि लड़कियां यदि अधिक उम्र में शादी करती है तो बांझपन और कैंसर की मरीज हो जाती है।

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कैंसर होने का मुख्य कारण

- तंबाकू का सेवन

- खाद, कीटनाशक

- शरीर में प्रतिरोधक क्षमता की कमी

- अनुवांशिकी

- आहार में पोषक तत्वों की कमी

- बैक्टीरिया या वाइरस का प्रकोप

- वर्तमान जीवनशैली

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इलाज के तरीके :

1. सर्जरी : ट्यूमर और इसके उत्तक को हटाने के लिए शल्य क्रिया

2. रेडियोथेरेपी : टयूमर और कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए विकिरण का प्रयोग करना।

3. कीमोथेरेपी : कैंसर की कोशिकाओं में वृद्धि को धीमा करने या नष्ट करने के लिए जो दवा दी जाती है उसे कीमोथेरेपी कहते हैं।

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