मनसा विषहरी को डलिया चढ़ाने के लिए उमड़े श्रद्धालु

नाथनगर (भागलपुर)। दूसरे दिन गुरुवार को भी मनसा विषहरी देवी के दर्शन और डलिया चढ़ाने के

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Aug 2022 08:24 PM (IST) Updated:Thu, 18 Aug 2022 08:24 PM (IST)
मनसा विषहरी को डलिया चढ़ाने के लिए उमड़े श्रद्धालु
मनसा विषहरी को डलिया चढ़ाने के लिए उमड़े श्रद्धालु

नाथनगर (भागलपुर)। दूसरे दिन गुरुवार को भी मनसा विषहरी देवी के दर्शन और डलिया चढ़ाने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती रही। डलिया चढ़ाने का दौर देर शाम तक जारी रहा। सुबह 5 बजे लाखराजी पूजा के बाद मंदिर का पट खोल दिया गया। इसके बाद कतारबद्ध होकर श्रद्धालुओं ने डलिया चढ़ाया। महिलाओं ने अपनी सुहाग की कामना को लेकर माता विषहरी और सती बिहुला को सिंदूर चढ़ाया। शाम 4 बजे चंपानगर विषहरी मंदिर समिति की ओर से मां मनसा को हल्दी डलिया चढ़ाया गया।

पुजारी संतोष झा ने रीति-रिवाज के साथ देवी को हल्दी डलिया चढ़ाकर विदाई की रस्म अदा की। इसको लेकर भक्तों द्वारा लगाए जा रहे मां विषहरी के जयकारे से मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा। वहीं, चंपानगर प्राचीन मनसा विषहरी मंदिर से मनसा देवी व सती बिहुला- बाला लखेंद्र सहित विभिन्न प्रतिमाओं की विसर्जन यात्रा रात्रि करीब 12 बजे निकाली गई। प्रतिमा को चंपानगर के बड़ी ठाकुरबाड़ी के सामने स्थित गोकुलघाट पर देर रात विसर्जित कर दिया गया। साथ ही मंजूषा व बारी कलश भी विसर्जित किया गया। इस दौरान श्रद्धालु अपने सिर पर बारी कलश व मंजूषा को लेकर चल रहे थे। विसर्जन शोभायात्रा की अगुवाई मंदिर के पंडा संतोष झा कर रहे थे। ढोल, गाजे-बाजे के साथ विसर्जन यात्रा घाट पहुंची और देर रात तक चंपा नदी में विसर्जन किया गया।

वहीं दोपहर 3 बजे से देर रात तक चंपा पुल घाट पर विभिन्न इलाकों के मंदिर व पूजा पंडालों मे स्थापित मंजूषा व बारी कलश का विसर्जन किया गया। विभिन्न मंदिरों से परंपरागत तरीके से भगत के साथ मंजूषा विसर्जन जुलूस गंगा नदी की ओर रवाना हुआ। देवी मनसा के भक्त सड़क पर झूमते और हाथों में धूप की थाल लिए विसर्जन मार्ग की ओर दौड़ लगाते दिखे। मंजूषा और नाग कलश यानी बारी कलश का विसर्जन करने के बाद भगत स्नान कर अपने-अपने विषहरी मंदिर लौट गए। मंजूषा, कलश व भगत विसर्जन को लेकर मार्ग मे जगह-जगह जल सेवा शिविर लगाया गया। घोषीटोला मोड़ के समीप मे सार्वजनिक पूजा समिति द्वारा जल सेवा शिविर लगाए गए थे।

सुरक्षा को ले पुलिस के साथ पूजा व शांति समिति सदस्य रहे तैनात

शांति व्यवस्था बनाएं रखने के लिए पुलिस के साथ शांति समिति के सदस्यों भी भ्रमणशील रहे। सुरक्षा को लेकर विभिन्न चौक-चौराहों व विसर्जन मार्ग पर पुलिस बल के साथ दंडाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया गया था। चंपानगर मनसा मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। केबीलाल रोड से चंपा पूल घाट तक सीओ स्मिता झा, नाथनगर इंस्पेक्टर मो.सज्जाद हुसैन, सार्वजनिक पूजा समिति के अध्यक्ष पप्पू यादव, देवाशीष बनर्जी, भवेश यादव, नेजाहत अंसारी, पंकज दास आदि शांति समिति के सदस्य मुस्तैद रहे।

आज निकाली जाएगी विसर्जन शोभायात्रा

शुक्रवार यानी आज देर शाम शहरी इलाके के नरगा डिक्रुज लेन, मसकन बरारीपुर, नसरतखानी, साहेबगंज बिन्दटोली, स्टेशन चौक, मनसकामनानाथ चौक, शाहगंज, गोलदारपट्टी, सीटीएस पंचमुखी हनुमान मंदिर, पासीटोला, नूरपुर आदि जगहों की प्रतिमाओं का विसर्जन देर रात तक चंपा पुल घाट पर किया जाएगा। वहीं ग्रामीण इलाके की राघोपुर, गनौराबादरपुर, दिग्घी, मनोहरपुर, भतोड़िया, गोविदपुर, करेला चौक, महमदपुर आदि जगहों की ललमटिया प्रतिमाओं का विसर्जन स्थानीय पोखरों व चंपापुल घाट पर किया जाएगा।

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