... और पंचतत्‍व में विलिन हो गए डॉ लक्ष्मीकांत सहाय, पार्थिव शरीर के दर्शन को उमड़े लोग

26 जुलाई 2020 की मध्य रात्रि को भागलपुर चिकित्सा जगत के पितामह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुरोधा डॉ. लक्ष्मीकांत सहाय का निधन हो गया था। मंगलवार को उनका दाह संस्‍कार हुआ।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Tue, 28 Jul 2020 05:54 PM (IST) Updated:Tue, 28 Jul 2020 05:54 PM (IST)
... और पंचतत्‍व में विलिन हो गए डॉ लक्ष्मीकांत सहाय, पार्थिव शरीर के दर्शन को उमड़े लोग
... और पंचतत्‍व में विलिन हो गए डॉ लक्ष्मीकांत सहाय, पार्थिव शरीर के दर्शन को उमड़े लोग

भागलपुर, जेएनएन। डॉ. लक्ष्मीकांत सहाय मंगलवार को पंचतत्‍व में विलिन हो गए। उनके पुत्र राजेश सहाय में बरारी श्‍मशान घाट में उन्‍हें मुखाग्नि दी। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को विद्युत शवदाह गृह में ले जाया गया। इस दौरान काफी संख्‍या में लोग वहां मौजूद थे। इसमें ज्‍यादातर लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और इसके अनुशांगिक संगठनों के थे। पटना से सीधे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दक्षिण बिहार के प्रांत प्रचारक राणा प्रताप श्‍मशान घाट पहुंचे। उन्‍होंने वहीं उनका अंतिम दर्शन किया। वे यहां से दाह संस्‍कार की प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद गए।

इसके पहले उनके पार्थिव शरीर को निवास स्‍थान से बड़ी पोस्‍टऑफ‍िस के पास उनके निजी क्‍लीनिक के पास लाया गया। जहां उनके पार्थिव शरीर को शव वाहन पर चढ़ाया गया। इस दौरान काफी लोग वहां मौजूद थे। चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों के अलावा बुद्धिजीवी और संघ परिवार के लोग वहां मौजूद थे। सभी की आंखें नम थी। एक युग का अंत होता हुआ सभी को दिख रहा था।

इस दौरान बिजली विभाग के सेवानिवृत अभियंता सुरेश प्रसाद सिंह, हरविंद नारायण भारती, जिला संघचालक राणा प्रताप सिंह, नगर संघचालक डॉ चंद्रशेखर साह, विभाग प्रचारक विजेन्‍द्र, नगर प्रचारक मनोहर, विहिप नेता राकेश सिन्‍हा, भाजपा जिलाध्‍यक्ष रोहित पांडेय, अभय वर्म्‍मन, विवेकानंद केंद्र के डॉ विजय कुमार वर्मा, धर्मदास, पवन गुप्‍त, उत्‍तम कुमार, चंद्रशेखर प्रसाद, बबलू गुप्‍ता, देवेंद्र चौधरी, कामेश्‍वर यादव, त्रिपुरारी तिवारी, भूपेंद्र, गौतम हरि, महादेव रजक, योगेश पांडेय, कृष्‍ण कुमार खेतान, जयगोपाल गुप्‍ता, विजय साह, प्रांत बौद्धिक प्रमुख बालमुकुंद गुप्‍त, पंकज मिश्रा आदि मौजूद थे। 

यहां बता दें कि नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ लक्ष्‍मीकांत सहाय का निधन में 26 जुलाई 2020 की मध्य रात्रि को भागलपुर में हो गया था। वे आंख के अलावा नाक, कान और गला रोगों के विशेषज्ञ थे। अपने जीवन का ज्‍यादातर समय उन्‍होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और समाज के लिए समर्पित कर दिया था। उन्‍होंने आरएसएस के भागलपुर जिला, भागलपुर विभाग और दक्षिण बिहार के सह प्रांत संघचालक के रूप में दायित्‍व को निभाया था। डॉ सहाय मूलत: झारखंड के गिरिडीह जिला के रहने वाले थे। उनका पुत्र राजेश सहाय मध्‍यप्रदेश में बड़े सरकारी पद पर नौकरी करते हैं। उनका एक पौत्र सेना में है तो दूसरा पढ़ाई कर रहा है। उनके श्राद्ध का सारा कार्यक्रम भागलपुर में ही संपन्‍न होगा।  

हरविंद नारायण भारती ने बताया कि डॉ साहब  संघ कार्य कैसे निरंतर बढ़े, इसके लिए हमेशा चिंतित रहते थे। वे कहते थे ऐसे स्‍वयंसेवक जो वर्तमान में संघ कार्य नहीं कर पा रहे हैं, उनसे निरंंतर मिलें, उनकी योजना पूछें, उन्‍हें कार्य में लगाएं। उनकी सुविधा और समय का ध्‍यान रखें। उनके सुख-दुख में भागी हों। उन्‍होंने कहा कि डॉ साहब हमेशा स्‍वयंसेवकों की चिंता करते थे। वे स्‍वयंसेवकों के घरों पर भी जाते थे। संकट की घड़ी में स्‍वयंसेवकों के साथ खड़े रहते थे। आज उन्‍होंने विश्रांति ले ली। यह समाज और आरएसएस उनके कार्यों को हमेशा याद रखेगा।

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