Budget Indepth Analysis : इस बार नई ट्रेन की थी आस, यात्री फिर हुए निराश

पूर्व रेलवे में हावड़ा व़ सियालदह के बाद राजस्व देने के मामले में भागलपुर तीसरे स्थान पर है। यहां रेलवे पर यात्रियों का दबाव किसी से छिपा नहीं है। कुछ नहीं मिलने से सभी निराश हुए।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Fri, 01 Feb 2019 11:16 PM (IST) Updated:Sat, 02 Feb 2019 08:50 AM (IST)
Budget Indepth Analysis : इस बार नई ट्रेन की थी आस, यात्री फिर हुए निराश
Budget Indepth Analysis : इस बार नई ट्रेन की थी आस, यात्री फिर हुए निराश

भागलपुर [जेएनएन]। अंतरिम बजट में रेल पर भी चर्चा हुई। इस बार भी रेल यात्रियों के लिए कोई नई ट्रेन की घोषणा नहीं हुई। बजट पेश कर रहे प्रभारी वित्त मंत्री सह रेल मंत्री पीयूष गोयल से यात्रियों को काफी आस थी। पर, निराशा ही हाथ लगा। यात्रियों की राजधानी एक्सप्रेस की मांग भी धरी की धरी रह गई। लोगों को आशा थी कि कम से कम जो ट्रेनें हैं, उसके ही फेरे बढ़ाए जाएंगे, पर इस दिशा में कुछ नहीं हुआ। सवारी गाडिय़ों की संख्या भी नहीं बढ़ाई गई, जो यहां बड़ी जरूरतों में से एक है। भागलपुर से पटना और धनबाद के लिए ट्रेन शुरू होने के सौगात भी नहीं मिला। हालांकि इस बजट में ए वन और ए ग्रेड स्टेशनों को आधुनिक स्टेशन की घोषणा जरूर की गई है।

यात्रियों की जरूरतों पर ध्यान नहीं

पूर्व रेलवे में हावड़ा और सियालदह के बाद राजस्व देने के मामले में भागलपुर तीसरे स्थान पर है। यहां रेलवे पर यात्रियों का दबाव भी किसी से छिपा नहीं है। एक बड़ी आबादी यहां से रोजगार की तलाश और अन्य कार्यों के लिए देश के अन्य हिस्सों में यात्रा करती है। स्थानीय स्तर पर खस्ताहाल सुविधाओं के चलते भी रेल ही यात्रियों की उम्मीद है। इसे देखते हुए पेसेंजर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने और अन्य राज्यों की ओर जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों के फेरे बढ़ाने की जरूरत अरसे से महसूस की जा रही थी। पर, बजट में की घोषणाओं में इनमें से एक भी बात निकल कर सामने नहीं आई।

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रेल बजट में भागलपुर को एक बार फिर उपेक्षित किया गया है। सर्वाधिक जरूरत सवारी गाडिय़ों की है। साहेबगंज जाने के लिए सड़क का हाल बेहाल है। इस कारण यहां ट्रेन बढ़ाने की जरूरत थी। हावड़ा, धनबाद और मालदा के लिए इंटरसिटी की मांग एक अर्से से की जा रही है। साप्ताहिक और द्वि-साप्ताहिक एक्सप्रेस का फेरा भी नहीं बढ़ाया गया।

-विष्णु खेतान, अध्यक्ष रेलवे रेल यात्री संघ।

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रेलवे में मानव रहित फाटक बंद करने की घोषणा काफी सराहनीय है। कुछ नई ट्रेनें की घोषणा होती तो बेहतर रहता। मिलाजुलाकर बजट ठीक है। बजट में ट्रेन नहीं चाहिए, लोकल ट्रेन का फेरा बढ़ाने की जरूरत थी। एक्ट अप्रेंटिस करने वालों को नौकरी के लिए किसी तरह की घोषणा नहीं की गई है। इस पर रेलवे को ध्यान देने की जरूरत थी।

-रामेश्वर नारायण, यात्री।

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एक्ट अप्रेंटिस करने वालों को नौकरी के लिए किसी तरह की घोषणा नहीं की गई है। नई दिल्ली, धनबाद के लिए ट्रेन की घोषणा नहीं की गई है। कम से कम ट्रेनों के फेरे बढ़ाने की जरूरत थी। बजट में डेवलपमेंट पर फोकस किया गया है। बड़ी राशि की घोषणा भी है। इस सेक्शन पर राजधानी एक्सप्रेस का सपना-सपना ही रह जाएगा।

-रंजन कुमार, यात्री

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धनबाद के लिए अभी सीधा ट्रेन नहीं है। बजट में एक भी नई ट्रेन नहीं दिए जाने से काफी निराशा हुई है। महिला बोगियों में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। आरक्षण काउंटर महिलाओं के लिए अलग से होना चाहिए। ट्रेनों का फेरा बढ़ाने की जरूरत थी। जमशेदपुर जाने के लिए बस या किऊल से दूसरी ट्रेन पकडऩी पड़ती है।

-निमिशा जैन, यात्री।

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-डेवलपमेंट पर खास फोकस रहा। रेल क्षेत्र में विकास की जरूरत है। ट्रेन नहीं चलने से यात्रियों में निराशा हुई है। यहां से नई दिल्ली, हावड़ा, जमशेदपुर, धनबाद के लिए सीधी ट्रेन चलाने की जरूरत थी। यहां के यात्रियों को धनबाद और टाटा जाने के लिए बस या किऊल जाकर ट्रेन पकडऩी पड़ती है।

-सुनील कुमार

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इस बजट में आयकर दर पांच लाख कर किए जाने से मध्यम वर्ग के लोगों को काफी राहत मिलेगी। इपीएफ पर छह लाख तक बीमा देना काफी सराहनीय फैसला है। आम लोगों के हित में बजट है। स्लैब 20 फीसद हो गया है। इसे कम करने की जरूरत थी। कृषि पर पूरी तरह से फोकस किया गया बजट है। रेल डेवलपमेंट और सुरक्षा के लिए राशि की घोषणा की गई है। सराहनीय बजट है।

-राजीव शंकर, सेक्शनल इंचार्ज

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बजट में सुरक्षा और संरक्षा पर फोकस किया गया है। इसके लिए बड़ी रकम की घोषणा की गई है। आयकर छूट से कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी। आयकर रिर्टन का दायर पांच लाख कर दिया गया है। जो पूरी तरह सराहनीय है। स्टेशनों और रेल गाडिय़ों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना तैयार की गई है। इससे ट्रेन और प्लेटफार्म पर होने वाले अपराध पर अंकुश लगेगा। बजट मिलाकर ठीक है।

-आरके सिंह, शाखा सचिव, ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन।

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