रेल पटरी की रात्रि गश्ती कर रहे कर्मी को बेरहमी से पीटा, पांच की संख्या में थे अपराधी

आसनसोल रेल मंडल के जसीडीह - झाझा मुख्य रेल खंड के समीप चार की पांच संख्या में पहुंचे अपरधियों ने इस घटना को अंजाम दिया। इसके बाद वे लोग वहां से भाग निकले। मारपीट के दौरान जीपीआरएस मशीन को भी तोड़ दिया।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 05:30 PM (IST) Updated:Mon, 21 Sep 2020 05:30 PM (IST)
रेल पटरी की रात्रि गश्ती कर रहे कर्मी को बेरहमी से पीटा, पांच की संख्या में थे अपराधी
अपराधियों की पिटाई से जख्मी रेल कर्मी मनीष कुमार।

जमुई, जेएनएन। रविवार रात पूर्व रेलवे के आसनसोल रेल मंडल के जसीडीह - झाझा मुख्य रेल खंड के घोरपारन रेलवे स्टेशन के नजदीक किलोमीटर संख्या 354/9-11 के पास रात्रि में पटरी गश्ती करने वाले एक रेल कर्मी के साथ नकाबपोश 4 - 5 की संख्या में अपराधियों ने मारपीट किया। घटना में रेल कर्मी का हाथ टूट गया जबकि चल रहे रेल कर्मी भागने में सफल रहे। समाचार संकलन तक घटना कि लिखित शिकायत रेल थाना झाझा को देने की प्रक्रिया चल रही थी।

जीपीआरएस मशीन को भी अपराधियों ने किया क्षतिग्रस्त

अपराधियों ने कर्मी के जीपीआरएस मशीन को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना के शिकार रेलकर्मी प्रदीप कुमार ठाकुर ने बताया कि रात्रि 10:15 बजे के आसपास मैं और मेरा एक अन्य सहयोगी रेलकर्मी मनीष कुमार पटरी गश्ती कार्य के लिए निकले। घोरपारन स्टेशन से नजदीक ट्रेक के नीचे एक पुलिया है। पुलिया के पास पहुंचते ही नकाबपोश अपराधियों ने हमदोनों को घेर लिया। मनीष किसी तरह से वहां से भागने में सफल रहा। अपराधियों ने मेरी जमकर पिटाई कर दी। मारपीट में मेरा बायां हाथ टूट गया। सीने के अलावा पूरा शरीर में अपराधियों ने मारा। अपराधी मेरा मोबाइल खोज रहे थे। मैंने कहा मोबाइल नहीं है मेरे पास। पॉकेट से अपराधियों ने जीपआरएस मशीन निकाल कर क्षतिग्रस्त कर दिया। अपराधी मारपीट के दौरान बोल रहे थे कि तुमलोग के कारण बहुत बाधा उत्पन्न हो रहा है। चार अपराधी मेरे सामने थे जबकि पास के झाड़ी में और अपराधियों की आवाज आ रही थी। घटना की जानकारी रात में ही आसनसोल कंट्रोल, आरपीएफ जसीडीह, झाझा रेल पुलिस को दी गई। घायल रेलकर्मी का प्रारंभिक इलाज देर रात्रि को ही रेफरल अस्पताल झाझा में किया गया।

इस घटना के बाद रेलकर्मियों में भय देखा जा रहा हैं। रेलकर्मियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। इसे भय का माहौल है। खास कर रात्रि के समय ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों में।

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