अब चुटकी बजाकर हल होंगे गणित के सवाल

By Edited By: Publish:Fri, 17 Jan 2014 01:00 AM (IST) Updated:Fri, 17 Jan 2014 01:01 AM (IST)
अब चुटकी बजाकर हल होंगे गणित के सवाल

संवाद सहयोगी, भागलपुर : वे दिन अब लद गए जब गणित का नाम सुनते ही छात्रों के हाथ-पांव फूल जाते थे। गणित के सूत्र याद करना, ज्योमेट्री हल करना उन्हें काफी भारी-भरकम लगता था। बच्चों की इसी समस्या को देखते हुए भारत सरकार के मानव संसाधन विभाग व अमेरिका की यूएसएआइडी संस्था के सहयोग से बदलाव कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसके तहत गणित को रुचिकर बनाया जाएगा। यह कार्यक्रम जल्द ही प्रारंभिक व माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया जाएगा। छात्रों को सवालों को हल करने के लिए नई तकनीक, इनोवेटिव मैथड्स, कोलैबरेशन लर्निग की जानकारी दी जाएगी। इन तरीकों से कठिन से कठिन सवालों को भी बच्चे चुटकियों में हल कर लेंगे। प्रयोगशालाओं में भी छात्रों को गणित की विभिन्न आकृतियां वैज्ञानिक तरीके से समझाई जाएंगी। माध्यमिक कक्षाओं में रैखिक समीकरण व वर्ग समीकरण को खेल-खेल के तौर पर बताया जाएगा। इसके लिए छात्रों व शिक्षकों को तीन प्रकार से शिक्षा दी जाएगी। लर्नर-लर्नर इंटरेक्शन, टीचर-लर्नर इंटरेक्शन व थिंक-पेयर एंड शेयर एक्सरसाइज कराई जाएगी। बीच-बीच में छात्रों व शिक्षकों का मूल्यांकन भी किया जाएगा।

गौरतलब है कि संबंधित कार्यक्रम को लेकर डायट के प्राचार्य डॉ.राकेश कुमार को प्रशिक्षण व नई तकनीक की जानकारी पाने को बीते दिनों अमेरिका भेजा गया था। वहां उन्होंने तीन माह का प्रशिक्षण हासिल किया। फिलहाल जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान के दो व्याख्याता, बीएड कॉलेज के दो व्याख्याता, प्रयोगशाला विद्यालय के शिक्षक व 10 प्रशिक्षुओं को नई शिक्षण तकनीक व विधियों से अवगत कराया जा रहा है। प्रशिक्षण का मूल्यांकन जून माह में किया जाएगा। प्रशिक्षण में अपेक्षित बदलाव होने की स्थिति में इसे पूरे जिले में लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए जिले भर के प्रारंभिक व माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

23 जनवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अमेरिका स्थित यूएसएआइडी को पूरे प्रशिक्षण के निचोड़ की जानकारी दी जाएगी।

प्राचार्य डॉ.राकेश कुमार ने कहा कि पहले शिक्षक बोलते थे और छात्र सुनते थे। मगर अब दोनों एकदूसरे से संबंधित विषय पर बहस करेंगे।

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