लहू था हिन्दू का अल्लाह शर्मिंदा रहा, मरा जब मुसलमान तो..

फोटो नंबर : 4 से 15, 45 से 50 - दैनिक जागरण की ओर से आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में

By Edited By: Publish:Thu, 26 May 2016 07:21 PM (IST) Updated:Thu, 26 May 2016 07:21 PM (IST)
लहू था हिन्दू का अल्लाह शर्मिंदा रहा, मरा जब मुसलमान तो..

फोटो नंबर : 4 से 15, 45 से 50

- दैनिक जागरण की ओर से आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में झूमे श्रोता

-रात भर पल-पल बदलता रहा श्रोताओं का मिजाज

बेगूसराय सदर : मंदिरों-मस्जिद की या किसी इमारत की, माटी तो लगी उसमें भाई मेरे भारत की, लहू था हिन्दृ का अल्लाह शर्मिंदा रहा, मरा जब मुसलमान तो राम कब ¨जदा रहा। देश दुनिया में अपनी अलग छाप छोड़ने वाले कवि पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा ने उक्त पंक्ति पेश की तो इंसानियत को झकझोर देने वाली इस पंक्ति ने जहां हजारों दिलों को बेचैन कर दिया। तो वहीं अपनी डफली-अपना राग अलापते हुए धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों का भी ब्रेन वॉश हो गया। मौका था दैनिक जागरण द्वारा गांधी स्टेडियम में बुधवार की संध्या आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का। कवि सुरेंद्र शर्मा अपने जाने पहचाने अंदाज में जहां पत्नियों के प्रेम को बड़े ही भोले भाले अंदाज में प्रस्तुत कर लोगों को ठहाका लगाने पर मजबूर कर दिया, तो वहीं हंसी-हंसी में इतनी गहरी बातें कह गए कि लोग ठहाकों के बीच गहरी सोच में डूबने को भी मजबूर हो गए। वर्तमान पीढ़ी के युवाओं के रवैये पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा ¨जदगी में कभी अपने बेटे को इतना लायक मत बना देना कि, उनकी निगाहों में आप किसी लायक न रह जाएं। उन्होंने मीडिया की अहम भूमिका बताते हुए कहा कि अगर मीडिया देश तोड़ने वाली खबरों को दिखाने व छापने से परहेज करने लगे तो देश की राजनीति का रास्ता ही बदल जाएगा। वहीं,

डा. सुनील जोगी ने अपने अंदाज में श्रोताओं को खूब हंसाया। तथा अपनी कविता Þ मोदी ने बना ली सरकार रसियाÞ सुना खूब तालियां बटोरी। उन्होंने कहा कि Þकांग्रेस के लोगो, जो बोया वो भोगो, राहुल बाबा च्यूंगम चबाओ, बैठ के देखो पोगो, कलमाड़ी हों या राजा, बज गया सबका बाजा, चिदंबरम से बोले सोनिया, लुंगी डांस दिखा जा, तबले पर बैठा है शरद पवार रसिया, मोदी ने बना ली सरकार रसिया ।

डा. सुनील जोगी के निशाने पर जहां फोटो खींचने वाले रहे तो वहीं, चाय-नाश्ता बांटने वालों पर भी उन्होंने बड़ी महीन चुटकी ली।

मंच संचालन करते हुए विनीत चौहान ने अपने देशभक्ति की कविताओं से श्रोताओं की आंखें नम कर दी। उन्होंने कहा कि कश्मरी वो बेवफा औरत हो चला है, जो खाता हम से है, पीता हमसे है और नैन मटक्के पड़ोसी से करने चाहता है। उन्होंने मानवाधिकार के कार्यकर्ता से कहा कि ये लोग किस दिन राष्ट्रवादियों और राष्ट्रद्रोहियों में अंतर करना सीखेंगे। प्रेमरस के कवि डा. विष्णु सक्सेना ने कहा कि हमें कुछ पता नहीं है, हम क्यों बहक रहे हैं, रातें सुलग रही हैं, दिन भी दहक रहे हैं। जबसे है तुमको देखा, हम इतना जानते हैं, तुम भी महक रहे हो, हम भी महक रहे हैं।

संदीप शर्मा ने कहा कि न जाने कब हमारे यहां शिक्षा व उद्योग का सूर्योदय होगा, न जाने कब हमारे यहां से आम जनता का दूर भय होगा, न जाने कब हमारे तन पर फिर से खादी आएगी, न जाने कब इस देश में सच्ची आजादी आएगी। दिनेश बावरा ने भी लोगों को हंसाते हुए अपनी कविताएं सुनाई। जबकि श्रृंगार रस की कवयित्री

डा. अनुप स्वप्न ने अपनी सुरीली आवाजों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी प्रेमरस की कविता, आपसे दूर रह नहीं पाते, अब ये तन्हाई सह नहीं पाते, मेरी पलकों को आप पढ़ लेना, होठ कायर हैं कह नहीं पाते। देखो कितने सितार बजते हैं, दिल के सारे तार-तार बजते हैं, जबसे तुमने मुझको निहारा है। मुझ में घुंघरू हजार बजते हैं।

इनसेट

पल-पल बदलता रहा श्रोताओं का मिजाज

बेगूसराय सदर : दैनिक जागरण की ओर से गांधी स्टेडियम में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में आए देश के प्रख्यात कवियों को सुन-सुन कर श्रोताओं का मिजाज भी पल-पल बदलता रहा। कुछ क्षण में प्रेमी बनकर ताली ठोंकते रहे, तो दूसरे ही क्षण देशभक्ति की अथाह गहराई में पहुंच ¨चतन-मनन करने पर विवश हो गए। वहीं, थोड़ी देर बाद ठहाका लगाते तो कुछ क्षण बाद ही श्रोताओं को बुजुर्ग होने का एहसास होने लगता था। मगर हर पल बदलते इस मिजाज ने जहां लोगों को घंटों बांधे रखा वहीं कविगण भी श्रोताओं की इस हंसी पर भी पर खुद को न्योछावर करते रहे।

शुरु से अंत तक बैठे रहे सांसद व डीएम-एसपी

गांधी स्टेडियम में बुधवार की संध्या आयोजित कवि सम्मेलन का उद्घाटन करने पहुंचे सांसद डा. भोला ¨सह, डीएम नौशाद यूसुफ, एसपी रंजीत कुमार मिश्रा, मेयर उपेंद्र प्रसाद ¨सह सहित सभी अधिकारी व जनप्रतिनिधि रात्रि तक कविता का लुत्फ लिया। कवियों की कविताओं पर आम श्रोता की तरह सारे एहतियात को दूर रखते हुए खूब जोर जोर से तालियां ठोंकते रहे तो वहीं जोर-जोर से ठहाके भी लगाते रहे। साथ ही कवियों की उम्दा प्रस्तुति पर जमकर दाद भी दी। बताते चलें कि इस सम्मेलन को सफल बनाने में मुख्य भूमिका निभा रहे मेडीवर्सल स्कैन सेंटर बोन एंड ज्वाइंट हास्पिटल, बड़ी पोखर बेगूसराय के डॉ. निशांत रंजन, दून पब्लिक स्कूल के निदेशक पंकज कुमार, एलेक्सिया नर्सिंग स्कूल के निदेशक डॉ. धीरज शांडिल्य, आर्यभट्ट के निदेशक अशोक कुमार ¨सह अमर, मेयर उपेंद्र प्रसाद ¨सह, बरौनी डेयरी के प्रबंध निदेशक एसआर मिश्र एवं मार्के¨टग हेड रूपेश कुमार, उडान इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक पंकज कुमार, वीपीएस कम्प्यूटर संस्थान के निदेशक वीएन ठाकुर, आदित्य सिविल सर्विसेज के निदेशक आदित्य रॉय, विकास विद्यालय के निदेशक राजकिशोर ¨सह, मदर्स प्राइड इंटरनेशनल सीनियर सैकेंडरी एंग्लो पब्लिक स्कूल, हरदिया की निदेशक शालिनी ¨सह, सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र विवेक, टाइटन शो रूम के शंभू कुमार, एसबीआइ आरबीओ बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक दिव्यांशु रंजन व ट्रैफिक चौक स्थित यूको बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक यूपी ¨सह व राज कुमार मीना, बिहार ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष अर¨वद ¨सह शेखावत, एकता शक्ति फाउंडेशन के उपाध्यक्ष रजनीकांत पाठक, विधायक नरेंद्र कुमार ¨सह उर्फ बोगो ¨सह, भाजपा नेता नीरज कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता सुदर्शन ¨सह, टारगेट क्लासेज के अमित कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता राजेश कुमार टुना व भाग्यलक्ष्मी ट्रांसपोर्ट आदि हैं।

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