बेटों ने कर दी हद, संपत्ति विवाद सुलझाने के लिए पिता के शव को सड़ा डाला

संपत्ति विवाद सुलझाने के लिए बेटों ने कर हद पार कर दी। उन्होंने पिता के शव को तीन दिनों तक सड़ने के लिए छोड़ दिया। बाद में ग्रामीणों के हस्तक्षेप से अंतिम संस्कार हो सका।

By Amit AlokEdited By: Publish:Tue, 25 Oct 2016 11:44 AM (IST) Updated:Tue, 25 Oct 2016 06:02 PM (IST)
बेटों ने कर दी हद, संपत्ति विवाद सुलझाने के लिए पिता के शव को सड़ा डाला
बेटों ने कर दी हद, संपत्ति विवाद सुलझाने के लिए पिता के शव को सड़ा डाला

बांका [जेएनएन]। बेटों ने संपत्ति के विवाद में पिता के शव को तीन दिनों तक सड़ने के लिए छोड़ दिया। दुर्गंध से परेशान ग्रामीणों ने पुलिस की सहायता से अंतिम संस्कार कराया। घटना बांका के अमरपुर स्थित रामचंद्रपुर की है।
संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद क्या हुआ, कलयुगी बेटों ने पिता के शव का दाह संस्कार ही रोक दिया। तीन दिनों तक शव गांव में पड़ा रहा। शव के दुर्गंध से ग्रामीण परेशान होने लगे। उन्होंने इसकी सूचना अधिकारियों को दी। इसके बाद अंचलाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा एवं पुलिस अवर निरीक्षक रामचंद्र प्रसाद शर्मा गांव पहुंचे। उन्होंने चारों भाइयों को समझा-बुझा कर पिता का दाह संस्कार करने के लिए राजी किया।
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ग्रामीणों ने बताया कि जगदीश तांती को चार पुत्र (गणेश तांती, महेश तांती, बीरबल तांती एवं जनार्दन तांती) हैं। जगदीश तांती के पास पांच बीघा जमीन थी। उन्होंने अपने चारों पुत्र को एक-एक बीघा जमीन दी थी। शेष एक बीघा जगदीश ने अपने जीवनयापन के लिए रख ली थी।
जगदीश अपने तीसरे पुत्र बीरबल के साथ रहता था। बीरबल ही पिता की सेवा करता था, इसलिए जगदीश ने शेष एक बीघा जमीन बीरबल की पत्नी तारा देवी उर्फ ललिता देवी के नाम कर दी थी। इसी बात को लेकर चारों भाइयों में विवाद था।
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