नवजात की मौत पर रेफरल अस्पताल में परिजन ने किया हंगामा

बांका। ज'चा-ब'चा के मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजना चलाया जा रही है। लेकिन अस्पताल में चिकित्सक एवं स्वास्थकर्मी की लापरवाही से नवजात का मौत रुकने का सिलसिला कम नहीं हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 06:59 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 06:59 PM (IST)
नवजात की मौत पर रेफरल अस्पताल में परिजन ने किया हंगामा
नवजात की मौत पर रेफरल अस्पताल में परिजन ने किया हंगामा

बांका। जच्चा-बच्चा के मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजना चलाया जा रही है। लेकिन अस्पताल में चिकित्सक एवं स्वास्थकर्मी की लापरवाही से नवजात का मौत रुकने का सिलसिला कम नहीं हो रहा है। रविवार को रेफरल अस्पताल में एक नवजात बच्ची की मौत पर परिजनों ने चिकित्सक एवं स्वास्थकर्मी पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे। जिससे अस्पताल परिसर में काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही। लेकिन मौके पर पहुंचे रेफरल प्रभारी डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने आक्रोशित लोगो को शांत कराया। जानकारी के अनुसार जानकीपुर गांव निवासी ¨सटू दास ने बताया कि वह अपनी पत्नी पुतुल देवी को शनिवार की रात प्रसव कराने रेफरल अस्पताल लाया था। जहां रविवार को प्रसव कक्ष में तैनात स्वास्थकर्मी द्वारा ठीक से प्रसव नहीं कराने पर नवजात की मौत हो गई । नवजात के पूरे शरीर में जख्म भी आ गए हैं। अस्पताल में हंगामा देख ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक एवं स्वास्थकर्मी के हाथ-पांव फूलने लगे। इसके बाद आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा एएनएम की टीम हंगामा कर रहे लोगों को चिकित्सकीय भाषा में बच्चे के मौत के कारण समझाने लगे। साथ ही गर्भ में ही नवजात की मौत हो जाने की बात कही और मृत नवजात को गर्भ से बाहर निकालकर जच्चा को बचा लेने की बात कही।

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परिजन ने लगाया 600 रुपये मांगने का आरोप :

इधर, आक्रोशित परिजनों ने कहा कि प्रसव कक्ष में ममता कार्यकर्ता एवं अन्य एएनएम ने प्रसव कराने से पूर्व ही छह सौ रुपये की मांग की थी। पैसा नहीं देने पर ही लापरवाही करने के कारण ही बच्चे की मौत हो गई। बताते चलें कि रेफरल अस्पताल में स्वास्थकर्मी द्वारा मरीजों से आर्थिक दोहन का कार्य चरम पर किया जा रहा है। जिसकी आये दिन शिकायत मिलना आम हो गया है। यही कारण है कि आर्थिक लोभ के कारण अस्पताल आने वाले मरीजों का समुचित उपचार नहीं हो पा रहा है।

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कोट

बच्चे की मौत गर्भ में ही हो गई थी। जानकारी के अभाव में परिजन ने लापरवाही से मौत होने का आरोप लगाया। जो आरोप बेबुनियाद है।

डॉ. अभय प्रकाश चौधरी, अस्पताल प्रभारी

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