बिहार में रहते थे आदि मानव, मिले ऐतिहासिक साक्ष्य

पौराणिक-ऐतिहासिक अवशेषों की खोज के क्रम में बांका जिले के मंदार में मिशोलिथिक सभ्यता के साक्ष्य मिले हैं। ये अवशेष छह से 10 हजार ईसा पूर्व के बताये जा रहे हैं।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Sun, 16 Apr 2017 06:32 PM (IST) Updated:Sun, 16 Apr 2017 10:51 PM (IST)
बिहार में रहते थे आदि मानव, मिले ऐतिहासिक साक्ष्य
बिहार में रहते थे आदि मानव, मिले ऐतिहासिक साक्ष्य

बांका [जेएनएन]। पुरातत्व विभाग की टीम को मंदार क्षेत्र में मध्य पाषाणकालीन पत्थर के औजार के कुछ टुकड़े मिले हैं। इसे टीम ने संभवत छह से 10 हजार ईसा पूर्व का बताया है। इसका उपयोग आदिमानव द्वारा हथियार बनाने के लिए किया जाता था। पुरातत्व विभाग की टीम क्षेत्र में मिल रहे पौराणिक व ऐतिहासिक अवशेषों की
जानकारी विभाग को देगी। इसके बाद इसे संरक्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य योजना तैयार की जाएगी।

शनिवार को पुरातत्व विभाग की टीम को मंदार क्षेत्र में मिशोलिथिक काल के पत्थर के औजार (माइक्रोप्लिथ) के कुछ टुकड़े मिले हैं। इनमें क्लेगेट, गैसपर, मिलकी चर एवं चार्ट पत्थर शामिल हैं। इनका प्रयोग आदि मानव द्वारा हथियार बनाने में किया जाता था। ये पत्थर भारत के अलावा यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका एवं आस्ट्रेलिया में भी पाए गए हैं।

टीम को इससे पूर्व जेठौरनाथ पहाड़ी से प्रागैतिहासिक काल के पत्थर से बने हैंडिक्स के कुछ नमूने मिले थे। इनका उपयोग भी आदि मानव द्वारा जानवरों के शिकार के लिए हथियार के रूप में किया जाता था। पुरातत्वविद अरविंद कुमार सिन्हा ने बताया कि मंदार में मिले माइक्रोप्लिथ पत्थर के औजार पाषाण युग के विकसित मिशोलिथिक काल के हैं।

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ये नक्काशी के बेहतर नमूने हैं। इन कोमल पत्थरों को आदि मानव आसानी से तराश सकते थे। ये काफी धारदार व मजबूत होते थे। पुराविदों के अनुसार इनका उपयोग तीर की नोंक पर किया जाता होगा।

मंदार में माइक्रोप्लिथ सभ्यता के साक्ष्य मिलने से यह प्रमाणित होता है कि यहां 12 हजार वर्ष पूर्व भी जीवन था और मंदार क्षेत्र भी आदि मानव का सुरक्षित ठिकाना रहा होगा।

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