साइबर क्राइम के झांसे में आने से बचा एक युवक

अरवल। थाना क्षेत्र के खैरा गांव का एक युवक साइबर क्राइम के झांसे में आने से बच गया। यदि वह बैंक के शरण में नहीं जाता तो उसे 15 हजार रूपए का चुना लग जाता।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Dec 2018 12:50 AM (IST) Updated:Fri, 07 Dec 2018 12:50 AM (IST)
साइबर क्राइम के झांसे में आने से बचा एक युवक
साइबर क्राइम के झांसे में आने से बचा एक युवक

अरवल। थाना क्षेत्र के खैरा गांव का एक युवक साइबर क्राइम के झांसे में आने से बच गया। यदि वह बैंक के शरण में नहीं जाता तो उसे 15 हजार रूपए का चुना लग जाता। इस सिलसिले में युवक दिलशेर अली नामक युवक ने बताया कि कुछ दिन पहले उसके मोबाईल पर एक मैसेज आया। मैसेज यह था कि आपको लॉटरी में 25 लाख रूपए का ईनाम आया है। उसके वाट्स एप पर 25 लाख रूपए का एक चेक भी आया। चेक पर मुंबई स्थित एसबीआई शाखा अंधेरी के ब्रांच मैनेजर का हस्ताक्षर था।एमाउंट भी अंक तथा शब्द दोनों में लिखा हुआ था। दिलशेर ने बताया कि कुछ दिन पहले उसने ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता के माध्यम से मोबाईल पर खेला था। उसमें सात प्रश्न पूछे गए थे उसमें से मैने पांच सवाल का उतर भी दिया था। मेरे पास बार-बार मुंबई के बांद्रा एसबीआई का मैनेजर बताकर फोन आता रहा। उसने फोन कर कहा कि आप मेरे द्वारा भेजे गए एकाउंट में रजिस्ट्रेशन के लिए 15 हजार रूपए डाल दें। यदि आप वह पैसा डाल देंगे तो आपको वह 25 लाख का भुगतान हो जाएगा। वह चेक का फोटो लेकर ¨कजर के एसबीआई मैनेजर के पास गया। मैनेजर ने कहा कि ऑरिजिनल चेक लाइए फोटो से काम नहीं चलेगा। उसने यह भी कहा कि यह चेक असली है जाली। यह ऑरिजिनल चेक आने के बाद ही पता चलेगा। फिर उसके मित्रों ने मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक को वाट्स एप के माध्यम से आए चेक को दिखाया। उन्होंने कहा कि यह बार्बर चेक लगता है। इसपर जीओ ऑथोराइज का मुहर लगा हुआ है। इससे साबित होता है कि यह चेक जाली है। जानकारों का कहना है कि कौन बनेगा करोड़पति का जो ऑनलाइन क्विज खेलता है उसे भी हॉट सीट परिणाम जीतने की तरह एक्सिस बैंक से डिजिटल ट्रांसफर किया जाता है न कि चेक के जरिए उसे पैसा दिया जाता है।

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