इस देश में बैन होगी पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की ब्रिकी, जानें सरकार की क्या है इस पर राय

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में अभी कुछ ही कंपनियां एंट्री कर पाई है। जिनमें टाटा मोटर्स हुंडई एमजी मोटर्स शामिल है। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नई समय सीमा 2030 हाइब्रिड कारों पर लागू होने की उम्मीद नहीं है।

By BhavanaEdited By: Publish:Tue, 17 Nov 2020 05:23 PM (IST) Updated:Tue, 17 Nov 2020 05:23 PM (IST)
इस देश में बैन होगी पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की ब्रिकी, जानें सरकार की क्या है इस पर राय
इलेक्ट्रिक वाहनों को दर्शाती प्रतिकात्मक तस्वीर (फोटो साभार: जागरण )

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Petrol and Diesel Cars: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर अभी सिर्फ शुरुआत हुई है, वहीं कई देश इस क्रम में काफी आगे निकल चुके हैं। इसी क्रम में ब्रिटेन के हाल ही में चुने गए राष्ट्रपति बोरिस जॉनसन ने घोषण की है कि 2030 से नए पेट्रोल और डीजल कारों की बिक्री पर बैन लगा दिया जाएगा। यानी आप यूके में 2030 से नए पेट्रोल और डीजल वाहनों को नहीं खरीद सकेंगे।

2050 तक रखा गया लक्ष्य: सरकार को उम्मीद है कि नई पॉलिसी यूके में इलेक्ट्रिक कारों के लिए बाजार को मजबूत करेगी और देश को अपने जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी, जिसमें 2050 तक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को शून्य तक कम करना शामिल है। बताते चलें कि ब्रिटेन ने मूल रूप से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के प्रयासों के तहत 2040 से नई पेट्रोल और डीजल से लैस कारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई थी। जिसे जॉनसन ने 2035 तक आगे बढ़ाया।

2030 तक हो सकता है लागू: वहीं जॉनसन ने अब पर्यावरण नीति पर एक भाषण में तारीख को फिर से 2030 तक आगे ले जाने का इरादा रख दिया है। इस भाषण को अगले सप्ताह जॉनसन द्वारा दिया जाएगा। डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने जॉनसन के आगामी भाषण की रिपोर्ट पर फिलहाल टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नई समय सीमा 2030 हाइब्रिड कारों पर लागू होने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि इसमें इलेक्ट्रिक और फॉसिल ईंधन के मिश्रण का उपयोग होता है। तो उम्मीद है कि इन्हें 2035 तक बेचा जा सकता है। 

ब्रिटेन के उद्योग के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल अब तक पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों की बिक्री 73.6% है, जबकि पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 5.5% है, जो आम तौर पर अधिक महंगे हैं। 

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