भारत में गैरकानूनी हैं ये कार मॉडिफिकेशन्स, इनकी वजह से काटने पड़ सकते हैं कोर्ट के चक्कर

कार मॉडिफिकेशन पूरी तरह से कस्टमाइज होता है जिसमें आपकी पसंद का पूरा ख्याल रखते हुए कार में बदलाव किए जाते हैं। हालांकि कई बार कार बायर्स सही मॉडिफिकेशन्स के बारे में नहीं जानते हैं और कानूनी चक्करों में फंस जाते हैं।

By Vineet SinghEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 09:58 AM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 07:33 AM (IST)
भारत में गैरकानूनी हैं ये कार मॉडिफिकेशन्स, इनकी वजह से काटने पड़ सकते हैं कोर्ट के चक्कर
भारत में पूरी तरह गैरकानूनी हैं ये कार मॉडिफिकेशन्स

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। आजकल कार मॉडिफिकेशन सेंटर हर जगह मिल जाते हैं जहां पर आप अपनी कार को एक नया लुक और डिजाइन दे सकते हैं। कार मॉडिफिकेशन पूरी तरह से कस्टमाइज होता है जिसमें आपकी पसंद का पूरा ख्याल रखते हुए कार के डिजाइन, इसके कलर और इसके अहम पार्ट्स में बदलाव किए जाते हैं। मॉडिफिकेशन आपकी कार को स्टाइलिश, स्पोर्टी और अट्रैक्टिव तो बनाता ही है लेकिन इसकी वजह से आप कानूनी चक्करों में भी फंस सकते हैं। दरअसल कई बार कार बायर्स को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है लेकिन कुछ मॉडिफिकेशन्स ऐसे हैं जो भारत में पूरी तरह से गैरकानूनी हैं और इन्हें करवाने की वजह से आपको कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। आज हम आपको उन्हीं मॉडिफिकेशन्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनी कार में अप्लाई करने से बचना चाहिए।  

1. 50 फीसद से कम दृश्यता के साथ टिंटेड विंडो ग्लास

आपको बता दें कि कार में टिंटेड ग्लास लगाने को लेकर कुछ नियम हैं। कार में लगाए जाने वाले इस ग्लास की विजिबिलिटी 50 फीसद होने ही चाहिए और अगर विजिबिलिटी इससे भी कम है तो आपके ऊपर चालान लगाया जा सकता है और आप कानूनी चक्करों में भी फंस सकते हैं। 1988 के केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम (CMVA) के नियम 100 के अनुसार, भारत में सभी कारों की विंडस्क्रीन और पिछली खिड़कियों के शीशे की न्यूनतम दृश्यता 70% होनी चाहिए। साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहन चलाते समय मोटर बीमा अनिवार्य है। जबकि, कारों की साइड-खिड़कियों के शीशे के लिए न्यूनतम 50% दृश्यता अनिवार्य है।

2. फैंसी और लाउड हॉर्न का उपयोग करना

अगर आप अपनी कार में लाउड हॉर्न का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ये गैरकानूनी है और इसके लिए आपको चालान भरना पड़ सकता है। भारत सरकार ने देश में चलने वाली कारों के हॉर्न के लिए दिशा-निर्देशों का एक निर्धारित सेट निर्धारित किया है। इन दिशानिर्देशों के अनुसार, सामान्य कारों या चार पहिया वाहनों के लिए 100 डेसिबल से अधिक के हॉर्न की अनुमति नहीं है।

3. लाउड साइलेंसर लगाना

अगर आपने अपनी कार में लाउड साइलेंसर लगाया है जिससे काफी आवाज होती है तो ऐसा करने से आपकी कार का चालान कट सकता है। कारों में कंपनी-फिटेड एग्जॉस्ट पाइप में कैटेलिटिक कन्वर्टर्स होते हैं और इसलिए, वे न केवल हवा में निकलने वाले उत्सर्जन की मात्रा को नियंत्रित करते हैं बल्कि इसकी आवाज भी कम रखते हैं। ऐसे में लाउड एग्जॉस्ट लगाने से बचना चाहिए।

4. फैंसी रजिस्ट्रेशन प्लेट का इस्तेमाल

भारत सरकार ने देश में चल रहे सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट अनिवार्य कर दी है। ऐसा चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए किया गया है। इसलिए अब आप अपनी कार में फैंसी रजिस्ट्रेशन प्लेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। इसकी वजह से आपको चालान भरना पड़ सकता है।

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