जेल जाने से बचना है तो गाड़ी चलाते समय जरूर रखें ये डॉक्युमेंट, पकड़े गए तो देना पड़ सकता है भारी जुर्माना भी

Pollution Under Control Certificate (PUC) गाड़ियों को चलाते समय एक निश्चित मात्रा में धुआं निकलता ही है। इसके एक निर्धारित रेंज में होने से पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट दिया जाता है। वहीं इसके नहीं रहने पर भारी जुर्माने के साथ-साथ जेल भेजने के नियम भी है।

By Sonali SinghEdited By: Publish:Wed, 05 Oct 2022 09:00 PM (IST) Updated:Wed, 05 Oct 2022 09:00 PM (IST)
जेल जाने से बचना है तो गाड़ी चलाते समय जरूर रखें ये डॉक्युमेंट, पकड़े गए तो देना पड़ सकता है भारी जुर्माना भी
Pollution Under Control Certificate (PUC), Fine and Penalty

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Pollution Under Control Certificate (PUC): गाड़ी चलाते समय यातायात के नियमों के अनुसार कुछ जरूरी कागजात को रखना बेहद जरूरी है। इसमें मुख्य रूप से ड्राइविंग लाइसेंस (DL), रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और इंश्योरेंस पेपर जैसे नाम आते हैं। लेकिन, आपको बता दें कि एक और पेपर भी है, जिसे ज्यादातर लोग अनदेखा कर देते हैं। यह पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC) है। यह डॉक्युमेंट इतना जरूरी है कि इसके नहीं होने पर आपको 6 महीने की जेल भी हो सकती हैं। इसलिए पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट से जुड़े नियमों को देखना न भूलें।

पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट का जुर्माना

मोटर वाहन अधिनियम, 1993 की धारा 190 (2) के तहत गाड़ी चलाते समय पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट होना जरूरी है। इसके नहीं रहने पर या एक्सपायर हो जाने पर आपको छह महीने तक की जेल या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार, वैसे मोटर वाहन जो बीएस-I/बीएस-II/बीएस-III/बीएस-IV मानकों के अंदर आते है या सीएनजी/एलपीजी पर चलने वाले सभी वाहनों को चलाते समय यह सर्टिफिकेट होना जरूरी है। इसके अलावा, इस सर्टिफिकेट के नहीं रहने पर दोषी ड्राइवरों के ड्राइविंग लाइसेंस को तीन महीने के लिए रद्द कर दिया जाएगा।

क्यों दिया जाता है PUC?

अधिक गाड़ियों के चलने से प्रदूषण की मात्रा भी अधिक होती है। साथ ही समय के साथ गाड़ियों के पुराने होने से इससे निकलने वाले धुएं की मात्रा भी अधिक हो जाती है। इसलिए गाड़ियों से एक निश्चित मात्रा में प्रदूषण निकलना जरूरी है। इसके लिए एक स्टैंडर्ड रेंज तय की गई है। गाड़ियों से निकलने वाले धुएं अगर इस रेंज में आते हैं तो इन्हे पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट दी जाती है। जारी सर्टिफिकेट 3 महीने के लिए मान्य होता है और इसके बाद फिर से गाड़ी की जांच करा कर इसे रिन्यू किया जा सकता है।

पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट को लेने के लिए आपको अपनी गाड़ी को पॉल्यूशन चेक सेंटर (प्रदूषण जांच केंद्र) ले जाना पड़ता है, जहां इसकी जांच के बाद यह सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है। यह जांच केंद्र हर राज्य के पेट्रोल पंपों पर मौजूद होते हैं।

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