आखिर क्यों नही होता किसी होटल में कमरा नं. 420
आइए आपको बताते हैं क्या है इसके पीछे का कारण- भारतीय दंड संहिता के अनुसार बईमानी और धोखाधड़ी के मामले में धारा-420 लगाई जाती है।
आप जब भी कभी बाहर घूमने जाते हैं और होटल में रुकते हैं तो क्या आपने कभी नोटिस किया है कि होटल में 420 नंबर का कमरा है या नही। हो सकता है आपने ध्यान न दिया हो लेकिन आज हम आपको बताते हैं कि इस नंबर का कमरा होटल में नही होता।
इनाडुइंडिया के अनुसार दरअसल इसके पीछे कई तर्क हैं। आइए आपको बताते हैं क्या है इसके पीछे का कारण-
भारतीय दंड संहिता के अनुसार बईमानी और धोखाधड़ी के मामले में धारा-420 लगाई जाती है।
20 अप्रैल को इंटरनेशनल वीड-डे को रूप में मनाया जाता है और इसदिन लोग खुलकर स्मोकिंग करते हैं। सरकार के नशीले पदार्थों पर रोक लगाने का विरोध करते हैं। इसलिए स्मोकिंग निषेध करने के लिए 420 नंबर का कमरा होटल में उपलब्ध नहीं होता है।
आजादी मिलने के कई दशकों बाद भी देश में अंधविश्वास मौजूद है। बड़ी संख्या में लोगों का मानना है कि किसी भी रूप में 420 नंबर इस्तेमाल करना उनके लिए अशुभ है। इनका मानना है कि जब भी इन्हें किसी भी तरह से 420 अंक का सामना करना पड़ा, इनके साथ बहुत ही खराब हुआ है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड सचिवालय में भी कमरा नंबर-420 नहीं बनाया गया है। अफसरों का मानना है कि यह नंबर उनके लिए शुभ नहीं है। कई अफसरों ने बताया है कि चूंकि 420 नंबर धोखेबाजी और घपले से संबंधित माना जाता है, इसलिए सचिवालय में कमरा नंबर 419 और 421 तो है, लेकिन 420 नहीं है।
कई वर्षों पहले तक होटलों में 420 नंबर के कमरे हुआ करते थे। बाद में कई कपल इसे बुक कराने के बाद अश्लील हरकतों में लिप्त पाये गये। ऐसी हरकतों से तंग होकर होटल मालिकों ने कमरा संख्या-420 पर रोक लगा दी। फिर धीरे-धीरे इस नंबर के कमरों को बंद कर दिया गया और बाद में यह नंबर ही हटा दिया गया।
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