प्लेन टेक-ऑफ या लैंड करते समय क्यों कुछ लोगों के कान में होता है दर्द, क्या है इसका कोई इलाज?
अगर आपने कभी हवाई यात्रा की है तो आप जानते होंगे कि प्लेन टेकऑफ करते समय और लैंड करते समय कान में दर्द या ईयर पॉप होने की समस्या होती है (airplane ear pain causes)। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? अगर नहीं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। आइए जानें प्लेन में क्यों कान में दर्द होने लगता है और इससे कैसे बचें।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हवाई यात्रा करते समय कई लोगों को कान में दर्द या बेचैनी महसूस होती है। यह समस्या खासतौर से विमान के उड़ान भरते और उतरते समय ज्यादा होती है। इसका अहम कारण (airplane ear pain causes) हवा के दबाव में होने वाले बदलाव हैं, जो कान के भीतरी हिस्से को प्रभावित करते हैं। आइए इस समस्या के कारण और बचाव के उपायों (aviation ear pain solutions) को समझते हैं।
हवाई जहाज में कान में दर्द का कारण
हवा के दवाब में बदलाव (Air Pressure Changes)
जब हवाई जहाज ऊपर उठता है या नीचे आता है, तो वातावरण का दबाव तेजी से बदलता है। हमारे कान के अंदर एक छोटी सी नली होती है, जिसे यूस्टेशियन ट्यूब (Eustachian Tube) कहते हैं। यह नली कान के मध्य भाग और गले को जोड़ती है तथा दबाव को संतुलित करने में मदद करती है।
जब विमान की ऊंचाई बदलती है, तो बाहरी हवा का दबाव तेजी से घटता-बढ़ता है, लेकिन कभी-कभी यूस्टेशियन ट्यूब ठीक से काम नहीं कर पाती, जिससे कान के पर्दे (ईयरड्रम) पर दबाव पड़ता है और दर्द होने लगता है।
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सर्दी-जुकाम या एलर्जी
यदि यात्री को सर्दी, साइनस या एलर्जी की समस्या है, तो यूस्टेशियन ट्यूब सूजन के कारण बंद हो सकती है। इससे दबाव संतुलित नहीं हो पाता और कान में तेज दर्द हो सकता है।
कान में इन्फेक्शन
अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही कान का संक्रमण (इयर इन्फेक्शन) है, तो हवाई यात्रा के दौरान दर्द बढ़ सकता है।
प्लेन में कान के दर्द से बचने के उपाय (flying ear pressure tips)
जम्हाई लें या निगलने की क्रिया करें
जम्हाई लेने या बार-बार निगलने से यूस्टेशियन ट्यूब खुलती है और दबाव संतुलित होता है। इसलिए हवाई जहाज के उतरते या चढ़ते समय जम्हाई लेने या गले की हलचल बनाए रखने से कान के दर्द से राहत मिल सकती है।
च्युइंग गम या कैंडी चबाएं
च्युइंग गम चबाने या कैंडी खाने से लार ज्यादा बनती है और निगलने की क्रिया बढ़ती है, जिससे कान का दबाव कम होता है। यह खासतौर से बच्चों के लिए उपयोगी है।
वालसाल्वा मैन्युवर (Valsalva Maneuver)
इस तकनीक में नाक को हल्का दबाकर मुंह बंद करके हवा को नाक से धीरे से बाहर निकालने की कोशिश करें। इससे कान के अंदर का दबाव बाहर के दबाव के साथ संतुलित हो जाता है।
नाक की भाप या डिकॉन्जेस्टेंट लें
अगर आपको सर्दी-जुकाम है, तो यात्रा से पहले नाक की भाप लेने या डॉक्टर की सलाह से डिकॉन्जेस्टेंट दवा (जैसे नेजल स्प्रे) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे यूस्टेशियन ट्यूब खुलती है और दबाव संतुलित होता है।
इयरप्लग या प्रेशर-बैलेंसिंग इयरफोन्स का इस्तेमाल करें
कुछ खास तरह के इयरप्लग (जैसे "ईयरप्लेन्स") हवाई यात्रा के दौरान दबाव को धीरे-धीरे बदलने में मदद करते हैं, जिससे कान में दर्द नहीं होता।
बच्चों का खास ध्यान रखें
छोटे बच्चों की यूस्टेशियन ट्यूब संकरी होती है, इसलिए उन्हें दर्द ज्यादा हो सकता है। उन्हें विमान के उतरते या चढ़ते समय दूध पिलाएं या पैसिफायर दें, ताकि निगलने की क्रिया से कान का दबाव कम हो।
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Source:
Cleveland Clinic: https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/17929-airplane-ear
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