Bullet Ant Ritual: जहरीली चींटियों से कटवाने के बाद ही मर्द बन पाते हैं यहां के लड़के, प्रथा को पूरा किए बिना शादी भी नहीं मुमकिन
दुनिया के दूर दराज इलाकों में आज भी ऐसी जनजातियां मौजूद हैं जिनकी प्रथाएं आपको हैरत में डाल देंगी। इस आर्टिकल में हम आपको ब्राजील की एक ऐसी जनजाति के बारे में बताएंगे जहां लड़के खुद को चींटियों से कटवाने के बाद ही मर्द बन पाते हैं। ये है अमेजन की साटेरे-मावा ट्राइब्स जहां इस अजीबोगरीब टेस्ट को पास किए बिना इन लड़कों की शादी भी नहीं हो पाती है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Bullet Ant Ritual: अमेजन की साटेरे-मावा ट्राइब्स के बीच आज भी एक ऐसी परंपरा चली आ रही है, जिसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। दरअसल, यहां के लड़कों को वयस्क बनने के लिए एक टेस्ट पास करना जरूरी होती है, इसके तहत उन्हें खुद को खतरनाक चींटियों से कटवाना पड़ता है। जी हां, सही पढ़ा आपने! यही नहीं, इस परीक्षा को पास किए बिना इन लड़कों की शादी भी नहीं हो सकती है और इसी चुनौती को पूरा करके वे समाज को अपने मर्द बनने का संदेश दे पाते हैं। आइए आपको बताते हैं इस प्रथा से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
मर्दानगी साबित करने का गजब तरीका
अमेजन के साटेरे-मावा जनजाति के लड़कों को वयस्क बनने और अपनी मर्दानगी को साबित करने के लिए इस अजीबोगरीब ट्रेडिशन से गुजरना पड़ता है। जिससे पूरे समुदाय के सामने यह बात साबित हो जाती है, कि वे अब बच्चे नहीं रहे और बड़े हो चुके हैं। बता दें, अमेजन के जंगलों में रहने वाली यह जनजाति सदियों से इस परंपरा को निभाती आ रही है।
यह भी पढ़ें- सिर्फ चटनी ही नहीं, सलाद और सूप बनाकर भी खाते हैं चींटियां, जानें विदेशों में मिलने वाले इसके अजीबोगरीब व्यंजन
कितना दर्दनाक है यह टेस्ट?
मान्यता के मुताबिक यहां के युवक अपनी मर्दानगी को साबित करने के लिए बुलेट एंट से खुद को कटवाते हैं, जो कि चींटियों की खतरनाक और जहरीली प्रजाति है। आपको जानकर हैरत होगी, कि इसमें एक-दो नहीं, बल्कि ढेरों चींटियों से भरे दस्तानों में हाथ डालना पड़ता है। जाहिर तौर पर इस बीच भयानक दर्द का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसे दर्शाने के बजाय इन युवकों को नाचना होता है। इसके कई दिन बाद तक हाथों में सूजन बनी रहती है और कुछ भी छूना या पकड़ना मुमकिन नहीं हो पाता है, लेकिन इससे ये जरूर साबित हो जाता है कि वे दर्द सहने लायक मर्द बन पाए हैं या नहीं।
कैसे पूरी करते हैं प्रथा?
इस प्रथा के लिए सबसे पहले बुलेट एंट जुटाई जाती हैं। ऐसे में 12 साल या इससे ज्यादा की उम्र के लड़कों को जंगल भेजा जाता है। यहां उन्हें खुद ही लकड़ी के दस्ताने बनाने पड़ते हैं और इसमें चींटियों को जमा करना पड़ता है। इसके बाद 10 मिनट का ट्रेडिशनल डांस होता है और इस बीच टेस्ट में शामिल होने वाले लोगों को कम से कम 20 बार इन दस्तानों को बदलना पड़ता है।
कहते हैं कि इस परीक्षा के दौरान मधुमक्खी के काटने से भी तीन गुना ज्यादा दर्द होता है। इस ट्रेडिशन का मकसद इन युवाओं को यह बताना भी है कि दर्द के बिना इस दुनिया में कुछ भी आसानी से नहीं मिलता है, ऐसे में इसी चैलेंज को पास करने के बाद उन्हें शादी के योग्य माना जाता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।