Dev Darshan: फेस्टिव सीजन में देव दर्शन की है प्लानिंग, तो दक्षिण भारत की इन मंदिरों की करें धार्मिक यात्रा
Dev Darshan फेस्टिव सीजन में धार्मिक यात्रा के लिए आप मीनाक्षी मंदिर जा सकते हैं। यह मंदिर तमिलनाडु के मदुरै शहर में स्थित है। मंदिर में देवों के देव ...और पढ़ें

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Dev Darshan: फाल्गुन महीने में रंगों का त्योहार होली मनाई जाती है। इसकी शुरुआत शिवरात्रि से हो जाती है। कई जगहों पर वसंत पंचमी के दिन से ही होली मनाई जाती है। इस मौके पर लंबी हॉलिडे पड़ती है। इस दौरान लोग वेकेशन पर जाते हैं। आसान शब्दों में कहें तो लोग देश के भिन्न-भिन्न हिस्सों में जाकर होली सेलिब्रेशन का आनंद उठाते हैं। वहीं, कुछ लोग फेस्टिव सीजन में धार्मिक यात्रा पर जाते हैं। अगर आप भी फेस्टिव सीजन में देव दर्शन की प्लानिंग कर रहे हैं, तो दक्षिण भारत की इन मंदिरों की धार्मिक यात्रा कर सकते हैं। आइए जानते हैं-
मीनाक्षी मंदिर
फेस्टिव सीजन में धार्मिक यात्रा के लिए आप मीनाक्षी मंदिर जा सकते हैं। यह मंदिर तमिलनाडु के मदुरै शहर में स्थित है। मंदिर में देवों के देव महादेव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित है। माता पार्वती को मीनाक्षी देवी के रूप में जाना जाता है। आप अपने परिवारजनों के साथ महादेव और माता पार्वती के दर्शन हेतु मीनाक्षी मंदिर जरूर जाएं।
एकाम्बरेश्वर मंदिर
यह मंदिर भी दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम में स्थित है। भगवान शिव जी को यह मंदिर समर्पित है। कांचीपुरम में "मूमुर्तिवासम" है। इस मंदिर के प्रांगण में आम का एक अति प्राचीन वृक्ष है। इसकी हर शाखा में अलग-अलग रंग के आम फलते हैं। फलों का स्वाद भी अलग रहता है। फेस्टिव सीजन में आप देव दर्शन के लिए एकाम्बरेश्वर मंदिर घूमने जरूर जाएं।
श्री गोविंदराजस्वामी मंदिर
आप देव दर्शन के लिए श्री गोविंदराजस्वामी मंदिर जा सकते हैं। यह मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमल पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर की स्थापना वैष्णव धर्म के प्रवर्तक श्री रामानुज ने की है। इस मंदिर का निर्माण 17 वीं शताब्दी में हुई है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु देव दर्शन हेतु श्री गोविंदराज स्वामी मंदिर जाते हैं।
विरुपाक्ष मंदिर
आप हंपी के पास ही विरुपाक्ष मंदिर भी देव दर्शन के लिए जा सकते हैं। यह मंदिर पवित्र नदी तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है। विरुपाक्ष मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में देवों के देव महादेव विराजते हैं। वहीं, मंदिर का गोपुरम 50 मीटर ऊंचा है। आप अपने परिवारजनों के साथ विरुपाक्ष मंदिर भगवान शिव से आशीर्वाद पाने के लिए जा सकते हैं।
मुरुदेश्वर मंदिर
मुरुदेश्वर मंदिर कर्नाटक के कन्नड़ जिले में है। भगवान शिव को स्थानीय भाषा में मुरुदेश्वर कहा जाता है। इस मंदिर में भगवान शिव की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा है। यह मंदिर मंगलुरु से 165 किलोमीटर दूर है। आप देवों के देव महादेव के दर्शन और आशीर्वाद पाने के लिए मुरुदेश्वर मंदिर जा सकते हैं।

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