वास्तुकला और खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध हैं भारत की ये जगहें
लामायुरु मठ को मूनलैंड भी कहा जाता है। यह लेह से महज 127 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जगह का नाम लामायुरू गांव है। दुनियाभर से लोग लामायुरू गांव घूमने आते हैं। हिंदी में इसे चांद की जमीन कहा जाता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। भारत अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। प्राचीन समय से वास्तुकला और खूबसूरती का बेहतरीन नमूना स्मारक स्थलों में दिखता है। वर्तमान समय में भी देशभर में कई प्रमुख स्थल हैं, जिनकी गिनती विश्व की प्रमुख धरोहरों में की जाती हैं। हर साल काफी संख्या में पर्यटक देश भ्रमण के लिए आते हैं। हालांकि, कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते पर्यटन क्षेत्र पर व्यापक असर पड़ा है। सभी स्मारक स्थलों समेत मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरूद्वारे को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। इससे पहले साल 2020 में भी कोरोना वायरस महामारी के चलते देश के सभी स्मारकों को कई महीनों तक बंद कर दिया गया था। आइए, वास्तुकला और खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध भारत की इन जगहों के बारे में सबकुछ जानते हैं-
मिनाक्षी मंदिर, मदुरई
यह मंदिर मदुरई में स्थित है। इस मंदिर में वास्तुकला का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। मंदिर में मां पार्वती की प्रतिमा स्थापित है। इतिहासकारों की मानें तो छठी शताब्दी में मिनाक्षी मंदिर का निर्माण करवाया गया था।
लामायुरु मठ, लेह
लामायुरु मठ को मूनलैंड भी कहा जाता है। यह लेह से महज 127 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जगह का नाम लामायुरू गांव है। दुनियाभर से लोग लामायुरू गांव घूमने आते हैं। हिंदी में इसे चांद की जमीन कहा जाता है। यह गांव 3,510 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। लामायुरू गांव में एक मठ भी है, जो आकर्षण का केंद्र है। जबकि, झील की पीली-सफेद मिट्टी बिल्कुल चांद की जमीन की तरह दिखती है। पूर्णिमा की रात को जब चांद की रोशनी इस पर पड़ती है, तो मिट्टी चांद जैसी चमकने और दिखने लगती है।
वाराणसी घाट
वाराणसी देवों के शहर के लिए प्रसिद्ध है। गंगा नदी के किनारे यह शहर स्थित है। संध्याकाल में गंगा आरती देखने लायक रहती है। यहां कई घाट हैं, जो अपनी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। हर रोज हजारों की संख्या में पर्यटक वाराणसी घाट आते हैं। ऐसा माना जाता है कि मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार करने वाले से मृत व्यक्ति की आत्मा को मुक्ति मिल जाती है।