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बरसात के दिनों में घूमने के लिए चेन्नई के आसपास ये जगह हैं परफेक्ट, एक बार जाएं जरूर

अगर आप टेंशन फ्री होकर ट्रिप का आनंद उठाना चाहते हैं तो नीलगिरि जलप्रपात देखने जरूर जाएं। पर्यटकों के लिए नीलगिरि जलप्रपात मुख्य आकर्षण का केंद्र है। इस जलप्रपात से दो झरने 76.2 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरते हैं और कल्लर नदी में जा मिलते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 08:11 PM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 08:11 PM (IST)
बरसात के दिनों में घूमने के लिए चेन्नई के आसपास ये जगह हैं परफेक्ट, एक बार जाएं जरूर
यह जलप्रपात तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में स्थित है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। इतिहासकारों की मानें तो द्रविड़ सभ्यता सबसे पुरानी सभ्यता में से एक है। इस सभ्यता के अनुयायी द्रविड़ कहलाते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज (जिसे दुनिया द वॉल के नाम से जानती है) भी द्रविड़ हैं। इस सभ्यता की सीमा दक्षिण भारत से लेकर श्रीलंका तक फैला हुआ है। खासकर कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के लोग द्रविड़ सभ्यता को मानते हैं। अगर आप द्रविड़ सभ्यता से रूबरू होना चाहते हैं, तो दक्षिण भारत की सैर करें। इसके लिए आप तमिलनाडु जा सकते हैं। तमिलनाडु में कई पर्यटन और धार्मिक स्थल हैं, जो अपनी विशेषताओं के लिए दुनियाभर में पॉपुलर हैं। अगर आप भी मानसून के दिनों में घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो तमिलनाडु की इन जगहों पर जरूर जाएं-

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नीलगिरि जलप्रपात

अगर आप टेंशन फ्री होकर ट्रिप का आनंद उठाना चाहते हैं, तो नीलगिरि जलप्रपात देखने जरूर जाएं। पर्यटकों के लिए नीलगिरि जलप्रपात मुख्य आकर्षण का केंद्र है। इस जलप्रपात से दो झरने 76.2 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरते हैं और कल्लर नदी में जा मिलते हैं। नीलगिरि जलप्रपात की खूबसूरती देखने लायक है। यह जलप्रपात चाय बागानों और वनों से घिरा हुआ है।

मंकी जलप्रपात, कोयंबटूर

यह जलप्रपात तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में स्थित है। कोयंबटूर से इसकी दूरी 30 किलोमीटर है। यह झरना 18 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरता है। काफी संख्या में पर्यटक मंकी जलप्रपात घूमने आते हैं। खासकर मानसून के दिनों में बहुत भीड़ रहती है। जब कभी मौका मिले, तो एक बार मंकी जलप्रपात देखने जरूर जाएं।

होगेनक्कल जलप्रपात, धर्मपुरी

तमिलनाडु में होगेनक्कल जलप्रपात बेहद पॉपुलर है। इस जलप्रपात को भारत का नियाग्रा जलप्रपात कहा जाता है। यह जलप्रपात 700 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरकर कावेरी नदी में गिरता है। अगर आप घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो होगेनक्कल जलप्रपात जरूर जाएं।


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