Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रांची में घूमने के लिए परफेक्ट हैं ये डेस्टिनेशन्स

    रांची से महज 40 किलोमीटर दूरी पर दसम जलप्रपात स्थित है। यह रांची में सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है। इसका उद्गम स्थल कचनी नदी है। स्थानीय भाषा में दसम का अर्थ जल का जमाव है। काफी संख्या में पर्यटन दसम जलप्रपात घूमने आते हैं।

    By Umanath SinghEdited By: Updated: Sat, 01 May 2021 08:57 AM (IST)
    Hero Image
    साल 1842 में रांची झील का निर्माण करवाया गया था।

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। झारखंड की राजधानी रांची प्रदेश का तीसरा सबसे प्रसिद्ध शहर है। रांची को झरनों का शहर कहकर भी पुकारा जाता है। यह शहर अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। साथ ही यह भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का गृह नगर भी है। इसके अलावा, पर्यटन के लिए रांची भी जाना जाता है। इस शहर के आसपास घूमने के लिए कई परफेक्ट डेस्टिनेशन्स हैं। हर साल काफी संख्या में पर्यटक रांची घूमने आते हैं। अगर आपको रांची की इन खूबसूरत जगहों के बारे में नहीं पता है, तो आइए जानते हैं-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दसम जलप्रपात

    रांची से महज 40 किलोमीटर दूरी पर दसम जलप्रपात स्थित है। यह रांची में सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है। इसका उद्गम स्थल कचनी नदी है। स्थानीय भाषा में दसम का अर्थ जल का जमाव है। काफी संख्या में पर्यटन दसम जलप्रपात घूमने आते हैं।

    टैगोर हिल

    इस हिल का नाम रविंद्रनाथ टैगोर के नाम पर रखा गया है। इतिहासकारों की मानें तो यह जगह टैगोर की पसंदीदा जगहों में से एक था। यह 300 फ़ीट ऊंचाई पर स्थित है। टैगोर हिल पर्वतारोहियों के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है।

    सूर्य मंदिर

    यह मंदिर रांची से 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर संगमरमर से निर्मित है। इस मंदिर में 18 पहियों और 7 घोड़ों के रथ पर भगवान सूर्य विराजमान हैं। हर साल 25 जनवरी को सूर्य मंदिर के प्रांगण में मेले का आयोजन किया जाता है।

    रांची झील

    साल 1842 में रांची झील का निर्माण करवाया गया था। इस झील में बोटिंग की भी सुविधा है। काफी संख्या में पर्यटक रांची झील बोटिंग के लिए आते हैं।

    पहाड़ी मंदिर

    यह मंदिर समुद्रतल से 2140 फ़ीट ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर में भगवान शिवजी की प्रतिमा स्थापित है। श्रधालु 300 सीढ़ियां चढ़कर शीर्ष पर पहुंचते हैं और बाबा का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

    डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।