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    Surajkund Mela 2023: शॉपिंग से लेकर खानपान हर एक चीज़ का लें मजा सूरजकुंड आकर, 3 फरवरी से शुरू हो रहा है मेला

    By Priyanka SinghEdited By: Priyanka Singh
    Updated: Wed, 01 Feb 2023 12:30 PM (IST)

    Surajkund Mela 2023 36 वें सूरजकुंड मेले की शुरूआत 3 फरवरी से हो रही है जो 19 फरवरी तक चलेगी। इसके साथ ही इस बार G-20 शिखर सम्मेलन की वजह से इस मेले म ...और पढ़ें

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    Surajkund Mela 2023: 3 फरवरी से हो रहा है सूरजकुंड मेला शुरू, जानें डिटेल्स

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Surajkund Mela 2023: हर साल हरियाणा के फरीदाबाद में सूरजकुंड मेले का आयोजन किया जाता है। इस साल 3 फरवरी से इसकी शुरुआत हो रही है जिसका समापन 19 फरवरी को होगा। अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में इस बार 45 देशों के विदेशी आर्टिस्ट के शामिल होने की संभावना है। अगर आप अपने परिवार के साथ क्‍वालिटी टाइम बिताना चाहते हैं या वीकेंड में घर बैठकर बोर नहीं होना चाहते, तो यहां आने का प्लान बनाएं तो इस मेले में आने का प्‍लान जरूर बना लें। 

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    45 देशों के विदेशी आर्टिस्ट लेंगे भाग

    इस साल सूरजकुंड मेले में 45 देशों के विदेशी आर्टिस्ट के भाग लेने की उम्मीद है, जिनकी संख्या पिछले सालों की तुलना में लगभग दोगुनी होगी। सूरजकुंड मेला भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। 

    पूर्वोत्तर के 8 राज्य लेंगे हिस्सा

    जानकारी के अनुसार, इस मेले में पूर्वोत्तर के 8 राज्य हिस्सा ले रहे हैं। इन सभी राज्यों के कलाकार इस मेले में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इसमें पूर्वोत्तर के 8 राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी शामिल होने वाले हैं।

    सूरजकुंड मेले की थीम

    हर साल इस मेले की थीम अलग होती है। मेले को उसी थीम पर सजाया जा सकता है। इस बार पूर्वोत्तर के आठ राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा को थीम स्टेट बनाया गया है। यहां की संस्कृति से लेकर खानपान तक का आनंद सूरजकुंड आकर लिया जा सकता है। 

    क्या होगा खास

    अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में करीब 25 साल बाद पूर्वोत्तर राज्यों के व्यंजनों को चखने को मौका मिलेगा। यहां पर फूड्स के लिए अलग से 50 स्‍टॉल लगाई जा रही हैं। मेले में पिज्जा से लेकर और बाजरे की रोटी तक का जायका लिया जा सकते हैं। मणिपुर की चाहाओ खीर, मेघालय की फ्रूटचाट, त्रिपुरा की भंगुई बिरयानी और पूर्वोत्तर राज्यों की बैंबू बिरायनी का जायका भी सूरजकुंड मेला आकर ले सकते हैं। 

    कब से हुई थी सूरजकुंड मेले की शुरुआत?

    मेले की शुरुआत 1987 में हुई थी। जिसका उद्देश्य भारत में मौजूद अद्भुत और लुप्त हो रही कलाओं को बढ़ावा देना है। सूरजकुंड मेले में जाने के लिए टिकट लेनी होती है। इस मेले में आप 50 रुपए से लेकर 100 रुपए में भी कई सारी चीजें खरीद सकते हैं।

    Pic credit- freepik