Move to Jagran APP

पर्यटन के लिहाज से बहुत ही खास है 'चित्रकूट', जहां घूमने के लिए मार्च तक का महीना है बेस्ट

कई अचरजों की पहाड़ी कहे जाने वाले चित्रकूट पर आप आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ-साथ सुकून की तलाश में भी आ सकते हैं। तो अगर आप यहां घूमने की सोच रहे हैं तो इन जगहों को न करें मिस।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 10:00 AM (IST)
पर्यटन के लिहाज से बहुत ही खास है 'चित्रकूट', जहां घूमने के लिए मार्च तक का महीना है बेस्ट
पर्यटन के लिहाज से बहुत ही खास है 'चित्रकूट', जहां घूमने के लिए मार्च तक का महीना है बेस्ट

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं और घने वनों से घिरा 'चित्रकूट' है बहुत ही खूबसूरत जगह। 'कई अचरजों की पहाड़ी' कहे जाने वाले इस जगह पर आप आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ-साथ सुकून की तलाश में भी आ सकते हैं और यहां आकर इन जगहों की सैर बिल्कुल न करें मिस।

loksabha election banner

मिनी खजुराहो

चित्रकूट के कर्वी में विनायक राव पेशवा का महल है। यहां से 4 किलोमीटर दूर सोनेपुर-कलेक्ट्रेट मार्ग से सिद्धपुर जाने वाले रास्ते पर गणेश बाग स्थित है। यहां स्थित मंदिर के अंदर व बाहरी हिस्से में मध्य प्रदेश के खजुराहो की स्थापत्य कला की तर्ज पर मूर्तियां हैं इसलिए इसे 'मिनी खजुराहो' कहते हैं। 

सुतीक्षण आश्रम

मध्य प्रदेश के सतना के वीर सिंहपुर से 10 किलोमीटर दूर यह जगह स्थित है। यहां अगस्त्य ऋषि का आश्रम भी है। यह चित्रकूट रामघाट तीर्थक्षेत्र से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर है।

तरौंहा किला व झारखंडी माता मंदिर

चित्रकूट के कर्वी जिला मुख्यालय अंतर्गत तरौंहा में यह स्थल है। एक समय यहां के सुर्की सम्राट राजा रामकृष्ण जूदेव के दरबार में बीरबल व तानसेन तक आते थे। कुछ दूर झारखंडी माता का मंदिर है, जहां नवरात्र में बड़ा मेला लगता है।

गुप्त गोदावरी

गुप्त गोदावरी चित्रकूट से 18 किलोमीटर दूर स्थित है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान राम और लक्ष्मण वनवास के दौरान कुछ समय के लिए यहां रहे। प्रवेश द्वार संकरा होने के कारण इसमें आसानी से नहीं घुसा जा सकता। गुफा के अंत में एक छोटा तालाब है, जिसे गोदावरी कहा जाता है। गुप्त गोदावरी दो गुफाएं हैं, जो पहाड़ के अंदर हैं। यहां जल स्तर घुटने जिता है। बड़ी गुफा में दो पत्थर पर नक्काशीदार सिंहासन है, जिन्हें राम और लक्ष्मण से संबंधित माना जाता है।

हनुमान धारा से चित्रकूट के दर्शन

यह हनुमान मंदिर एक विशाल चट्टान पर स्थित है। खड़ी चढ़ाई के बाद मंदिर पहुंचते हैं। इस पर चढ़ने के दौरान नीचे चित्रकूट के शानदार दृश्य देख सकते हैं। पूरे रास्ते में प्रार्थना के लिए हनुमान जी की छोटी मूर्तियां हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, हनुमान जी लंका को आग लगाकर जब वापस लौटे, तब भगवान राम हनुमान जी के साथ मंदिर के अंदर रहे थे।

कोल्हुआ जंगल में बाण गंगा

चित्रकूट व बांदा जिले के बॉर्डर पर ग्राम पंचायत खंभरिया अंतर्गत कोल्हुआ जंगल में यह स्थल स्थित है। मान्यता है कि बांदा जिला क्षेत्र महाभारत कालीन राजा विराट की राजधानी ता। पांडवों ने अज्ञातवास में रखे अस्त्र-शस्त्र यहीं पर अर्जुन के तीर से निकली जलधारा से धोए ते। 

कैसे और कब जाएं

दिल्ली से चित्रकूट के लिए निकटतम हवाई अड्डे खजुराहो(मध्य प्रदेश), उत्तर प्रदेश में प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर और लखनऊ में हैं। वहीं, मध्य प्रदेश के जानकीकुंड में अंतरराज्यीय बस अड्डा है। झांसी-मानिकपुर रेलमार्ग पर चित्रकूटधाम कर्वी और मुंबई-हावड़ा रूट पर मानिकपुर रेलवे जंक्शन है। कर्वी निकटतम स्टेशन है, जबकि मानिकपुर की दूरी तीर्थक्षेत्र से करीब 35 किलोमीटर है।

झांसी-मीरजापुर हाईवे पर कर्वी मुख्यालय में बस अड्डा है। यहां रूकने की भी अच्छी व्यवस्था है। उचित कीमत पर आप यहां ठहर सकते हैं। यहां आने के लिए जुलाई से मार्च तक बेहतर मौसम माना जाता है। 

 Pic Credit- Pinterest.com


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.