खूबसूरत घाटियों और पहाड़ियों के बीच स्थित 'पेंच नेशनल पार्क' आकर देखें लुप्तप्राय हो चुके जीव-जंतु
खूबसूरत घाटियों और पहाड़ियों के बीच स्थित इस पार्क को प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया है। यह पार्क अपनी समृद्ध जैवविविधता के लिए जाना जाता है।
छिंदवाड़ा से तकरीबन 75 किमी दूर है पेंच नेशनल पार्क। मध्य प्रदेश के सिवनी और छिंदवाड़ा जिलों के बीच स्थित पेंच नेशनल पार्क का नाम यहां बहने वाली पेंच नदी पर आधारित है। उत्तर और दक्षिण दिशाओं में बहने वाली यह नदी इस भूमि को दो भागों में अलग करती है। खूबसूरत घाटियों और पहाड़ियों के बीच स्थित इस पार्क को प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया है।
पेंच नेशनल पार्क वनस्पतियों और जीवों के साथ एक समृद्ध वन्य क्षेत्र है, जहां आप जीवों की लुप्तप्राय प्रजातियों को भी देख सकते हैं। जैसे ही आप जंगल के रास्तों से होते हुए आगे का सफर तय करते हैं, मोगली की छवियां सामने प्रकट होकर बचपन की यादों को ताजा करती हैं। मोगली जाने-माने लेखक रुडयार्ड किडलिंग द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध 'जंगल बुक' का प्रमुख किरदार है।
प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा
लगभग 757 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला यह वन्यजीव अभ्यारण्य अपनी समृद्ध जैवविविधता के लिए जाना जाता है। यहां आप हर तरह के जीव जंतुओं को देख सकते हैं। जंगली जीवों में आप बाघ, जंगली कुत्ता, तेंदुआ, सियार, नील गाय, लोमड़ी, लकड़बग्घा, चीतल, सांभर, गौर, लंगूर आदि को देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां पक्षी विहार का आनंद भी ले सकते हैं।
पेंच नेशनल पार्क में आप 210 से ज्यादा पक्षी प्रजातियों को भी देख सकते हैं, जिनमें प्रवासी पक्षी प्रजातियों की संख्या ज्यादा है। आप यहां पीफाउल, जंगलफ्रॉउल, किरमिजी-ब्रेस्टेड बार्बेट, ब्राह्मी डक, पोचर्ड, बार हेडेडगीज, मालाबार पाइड हॉर्नबिल आदि को देख सकते हैं।
घूमने का मौसम
पेंच का मौसम मई में ज्यादा गर्म होता है और जुलाई-अगस्त के दौरान यहां भारी बारिश शुरु हो जाती है। कभी-कभी मई में तापमान 42 डिग्री तक चला जाता है, वहीं दिसंबर के दौरान तापमान 4 डिग्री तक गिर जाता है। पार्क भारी बारिश के कारण जुलाई और अगस्त में बंद रहता है। साथ ही मई में गर्म मौसम के कारण पेंच नदी आमतौर पर सूख जाती है यानि अगस्त के बाद आप यहां भ्रमण कर सकते हैं।