Palampur Travel: टी गार्डन से लेकर झील तक, हिमाचल के पालमपुर आकर ले सकते हैं एक साथ इन सबके मजे
Palampur Travel दो से तीन दिनों की छुट्टियों में घूमने के लिए हिमाचल प्रदेश की कई जगहें भी बेस्ट हैं। तो अगर आप अभी तक पालमपुर नहीं गए तो इस बार यहां का बनाएं प्लान। जो है खूबसूरती से भरपूर और एंजॉयमेंट के लिए परफेक्ट।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Palampur Travel: हिमाचल दिल्ली और चंडीगढ़ के आसपास रहने वाले लोगों के फेवरेट टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक है। गर्मियों में तो हिमाचल आने वालों की तादाद एकदम से बढ़ जाती है। शिमला, मनाली, स्पीति, धर्मशाला, परवानू, डलहौजी तो लगभग हमेशा ही पर्यटकों से गुलाजर रहती हैं। लेकिन अगर आप इन भीड़भाड़ वाली जगहों से अलग किसी शांत जगह की तलाश में हैं, तो पालमपुर हो सकता है एक अच्छा ऑप्शन।
पालमपुर हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला से कुछ मील की दूरी पर स्थित एक छोटा सा पहाड़ी शहर है, जो अपनी धौलाधार रेंज के शानदार नजारों के लिए जाना जाता है। इस एक जगह पर आकर आपको झील से लेकर किले, झरनों से लेकर चाय के बागान तक देखने को मिलेंगे। अगर आप बच्चों के साथ यहां आ रहे हैं, तो गोपालपुर चिड़ियाघर जाना न मिस करें। जो धर्मशाला-पालमपुर मार्ग पर स्थित है। तो आइए जानते हैं यहां और क्या है घूमने लायक।
पालमपुर में घूमने वाली जगहें
करेरी झील
करेरी झील, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में धर्मशाला के लगभग 9 किमी उत्तर पश्चिम में धौलाधार श्रेणी में स्थित एक उथली और ताज़ी पानी की झील है। जो लोकप्रिय ट्रैकिंग भी है। हिमाचल प्रदेश की यात्रा करने वाले अधिकांश बैकपैकर्स ट्रीउंड या इंद्रहार पास सर्किट ट्रेकिंग के लिए आते हैं, यह करारी झील के लिए एक छोटा ट्रेक है जो शानदार और शांत अनुभव देता है।
कांगड़ा किला
कांगड़ा किला, धर्मशाला शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर है। जिसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है। यह किला यहां का सबसे बड़ा और पुराना किला है। अपनी हजारों साल की भव्यता, आक्रमण, युद्ध, धन और विकास का बड़ा गवाह है।
अंडरेट्टा
धौलधार पहाड़ियों पर बसा छोटा सा गांव है अंडरेट्टा, जो खूबसूरती के अलावा खासतौर से अपनी पॉटरी मेकिंग के लिए टूरिट्स के बीच ज्यादा मशहूर है। इस जगह को कवर करने के लिए एक दिन काफी है। अंडरेट्टा आकर आप नोरा सेंटर फॉर आर्ट, अंडरेट्टा पॉटरी एंड क्रॉफ्ट सोसाइटी, नोरा मड हाउस और सर शोभा सिंह आर्ट गैलरी का भी दीदार कर सकते हैं।
बैजनाथ मंदिर
कांगडा वैली में बना ये एक बेहद खूबसूरत मंदिर है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर देखने में काफी हद तक पुरी के जगन्नाथ मंदिर जैसा दिखता है।
टवॉय ट्रेन
पालमपुर का एक और आकर्षण जिसे आपको यहां आकर बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहिए। ट्वॉय ट्रेन यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया गया है। पालमपुर से पठानकोट के बीच चलने ये ट्वॉय ट्रेन हरे-भरे घने जंगलों और पहाड़ों से होकर गुजरती है जिस दौरान आपको झरने, नदियां, छोटे-छोटे गांव जैसे कई सारे खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं।
कब जाएं पालमपुर?
पहाड़ों पर बसा होने की वजह से पालमपुर का मौसम हमेशा ही सुहावना रहता है। गर्मियों का मौसम यहां घूमने के लिए एकदम परफेक्ट है खासतौर से मई से जून के बीच। मॉनसून में यहां जाने की प्लानिंग न ही करें तो बेहतर क्योंकि घूमना थोड़ा मुश्किल होगा। सर्दियों में यहां का तापमान शून्य से बहुत कम हो जाता है, तो उस दौरान भी कुछ खास एंजॉय नहीं कर पाएंगे। वैसे सितंबर से नवंबर के दौरान भी यहां प्लान किया जा सकता है।
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