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    सतपुड़ा के जंगल की ये पांच चीजें पंचमढ़ी जाकर ही देख पाएंगे

    गर्मियों की छुट्टियों में अगर आप कहीं घूमने का मूड बना रहे हैं तो प्रकृति की गोद में बसा पंचमढ़ी आप के लिये एक बेहतर विकल्‍प हो सकता है। हम आप को आज पंचमढ़ी की पांच विशेषताओं के बारे में बताने जा रहे हैं।

    By prabhapunj.mishraEdited By: Updated: Thu, 22 Jun 2017 03:45 PM (IST)
    सतपुड़ा के जंगल की ये पांच चीजें पंचमढ़ी जाकर ही देख पाएंगे

     1- जंगलों के बीच ही है सतपुडा की रानी यानी पंचमढी। सतपुडा के जंगल पूरी दुनिया में बाघों का सबसे बडा घर भी है। पंचमढी वह जगह है जहां से आप सतपुडा नेशनल पार्क और बोरी सेंचुरी जैसे इन घरों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। कान्हा और पेंच जैसे राष्ट्रीय उद्यान भी यहां से ज्यादा दूर नहीं हैं। पंचमढी पूरी तरह से जंगल की आभा से घिरी हुई जगह है। ये जंगल किसी भी तरह का डर पैदा नहीं करते है। कई तरह के फूल-पत्तों से सजी सुन्दरता से आपको सुकून ही पहुंचाते हैं। 

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    2- हर साल की गर्मियों में लाखों सैलानी मध्य प्रदेश के इस छोटे से लेकिन विलक्षण सुन्दरता से भरे पर्यटन केंद्र की ओर इसी सुन्दरता के कारण खिंचे चले आते हैं। महादेव गुफा इसके आकर्षण का बडा केंद्र है। जहां पत्थरों पर की गई अनूठी चित्रकारी बरबस ही आपका ध्यान आकर्षित करती है। कहते हैं कि यह चित्रकारी 5 से 8वीं शताब्दी के बीच की गई थी। कुछ चित्र तो इससे भी दस हजार साल पुराने बताये जाते हैं। जमुना प्रपात, रजत प्रपात और जलावतरण प्रपात तो जैसे पंचमढी की अल्हडता के गीतों का सामुहिक गान हैं। 

    3- जमुना प्रपात में जहां आप झरने के किनारे बैठने से लेकर नहाने तक का लुत्फ उठा सकते हैं। वहीं हांडी खोह के पेड-पौधे तो आपको किसी और ही दुनिया का आभास करायेंगे। भगवान शिव से जुडे हजारों साल पुराने मन्दिरों जटाशंकर गुफा, महादेव और छोटा महादेव मन्दिर की प्राकृतिक मनोहारी छटा जहां धार्मिक लोगों को आकर्षित करती है। पुरातनकालीन पांडव गुफा भी आकर्षण का बडा केंद्र है। कहते हैं कि वनवास के दौरान पांडवों ने यहीं पर अपना अज्ञातवास बिताया था। 

    4- इसके साथ ही धूपगढ की ऊंची पहाडी से सांझ के डूबते सूरज की लालिमा को निहारने का दृश्य शायद ही कभी भूल सकें आप। मध्यप्रदेश के एकमात्र पर्वतीय स्थल होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी समुद्र तल से 1067 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। सतपुड़ा श्रेणियों के बीच स्थित होने और अपने सुंदर स्थलों के कारण इसे सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है। यहाँ घने जंगल, कलकल करते जलप्रपात और तालाब हैं। 

    5- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का भाग होने के कारण यहाँ आसपास बहुत घने जंगल हैं। यहाँ के जंगलों में शेर, तेंदुआ, सांभर, चीतल, गौर, चिंकारा, भालू, भैंसा तथा कई अन्य जंगली जानवर मिलते हैं। यहाँ की गुफाएँ पुरातात्विक महत्व की हैं क्योंकि यहाँ गुफाओं में शैलचित्र भी मिले हैं।