National Handloom Day 2021: हैंडलूम साड़ियां खरीदने के लिए इन शहरों की जरूर करें यात्रा
महेश्वर खरगोन जिले में स्थित है। इस जिले में अहिया किला है जो कि नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। होल्कर किला भी खरगोन में स्थित है। महेश्वर हैंडलूम के लिए भी प्रसिद्ध है। महेश्वर माहेश्वरी हैंडलूम के लिए भी पॉपुलर है। महेश्वर में हैंडलूम साड़ी बनाई जाती है।
National Handloom Day 2021: आज राष्ट्रीय हथकरघा दिवस है। यह हर साल 7 अगस्त को मनाया जाता है। इसे पहली बार साल 2015 में मनाया गया था। जब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने घरेलू उत्पादों को बढ़ाने और हैंडलूम के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हथकरघा दिवस मनाने का ऐलान किया था। उस समय से हर साल 7 अगस्त को हैंडलूम डे मनाया जाता है। इतिहास के पन्नों को पलटा जाए, तो पता चलता है कि 7 अगस्त, 1905 को देश में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की गई थी। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश घरेलू उत्पादों को बढ़ाना था। इस अवसर पर देश के कई राज्यों में हैंडलूम मेले का आयोजन किया जाता है। हालांकि, कोरोना वायरस के चलते इस साल भी हैंडलूम मेले पर असर पड़ा है। हैंडलूम कार्यों के लिए मध्यप्रदेश, कर्नाटक, बिहार, आसाम, बंगाल आदि राज्य बेहद ही मशहूर हैं। इन राज्यों में हैंडलूम यानी कि हाथ से बेहतरीन कढ़ाई और बुनाई की जाती है। आप इन जगहों पर जाकर बेहतरीन खरीदारी कर सकते हैं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
महेश्वर, मध्य प्रदेश
महेश्वर खरगोन जिले में स्थित है। इस जिले में अहिया किला है, जो नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। होल्कर किला भी खरगोन में स्थित है। महेश्वर हैंडलूम के लिए भी प्रसिद्ध है। महेश्वर माहेश्वरी हैंडलूम के लिए भी पॉपुलर है। महेश्वर में हैंडलूम साड़ी बनाई जाती है। आप नर्मदा नदी के दर्शन भी कर सकते हैं। साथ ही महेश्वर में हैंडलूम शॉपिंग भी कर सकते हैं।
बागलकोट, कर्नाटक
बागलकोट इलकल साड़ी के लिए प्रसिद्ध है। प्राचीन समय से बागलकोट हैंडलूम कार्यों के लिए प्रसिद्ध है। काफी संख्या में पर्यटक इलकल घूमने और हैंडलूम साड़ी खरीदने आते हैं। बागलकोट में घूमने के लिए कई धार्मिक और पर्यटन स्थल हैं। इनमें बादामी गुफा मंदिर, दुर्गा मंदिर, लाद खान मंदिर आदि प्रसिद्ध मंदिर हैं।
बिशनपुर, पश्चिम बंगाल
बिशनपुर बालूचरी साड़ी के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। बिशनपुर में कई स्मारक स्थल और मंदिर हैं। जब कभी मौका मिले, तो बिशनपुर जरूर जाएं। यह शहर भागीरथी नदी के किनारे बसा है। बालूचरी साड़ी पौराणिक दृश्यों के लिए जाना जाता है। इसके पल्लू में पौराणिक दृश्यों का काम किया करता है।