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    अनूठे इतिहास और खूबसूरत वास्तुकला का शानदार नमूना है नागौर का किला

    By Priyanka SinghEdited By:
    Updated: Tue, 22 Jan 2019 10:20 AM (IST)

    नागौर आकर भी आप ऐतिहासिक, कलात्मक और पारंपरिक जीवनशैली का बेहतरीन नमूना देख सकते हैं नागौर किले के द्वारा। तो आइए जानते हैं इसकी और दूसरी खूबियों के बारे में...

    अनूठे इतिहास और खूबसूरत वास्तुकला का शानदार नमूना है नागौर का किला

    जोधपुर से लगभग 137 किमी उत्तर में स्थित है नागौर। राजस्थान के ज्यादतर जगहों की ही तरह नागौर आकर भी आप ऐतिहासिक, कलात्मक और पारंपरिक जीवनशैली का बेहतरीन नमूना देख सकते हैं। नागौर में घुसते ही यहां की खूबसूरती आपको आकर्षित कर लेगी। स्वागत के लिए एक या दो नहीं बल्कि नाकाश, देहली और त्रिपोलिया तीन-तीन द्वार हैं। शहर में बने नागौर किले को देखने देश-विदेश से सैलानियों का हुज़ुम उमड़ता है तो ऐसा क्या है इस किले में, जानेंगे इसके बारे में...

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    नागौर का किला

    राजस्थान के बाकी किलों की तरह ही ये भी ऊंची पहाड़ी की चोटी पर बना हुआ है। जिसे नागणा दुर्ग, नाग दुर्ग और अहिछत्रपुर दुर्ग जैसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। यह किला अपने खूबसूरत और अद्भुत बनावट के लिए मशहूर है। मिट्टी से बने इस किले का वर्णन महाभारत में भी सुनने को मिलता है। किले के बारे में कहा जाता है कि इसे अर्जुन ने जीता था और अपने गुरू द्रोणाचार्य को भेंट किया था।

    किले की शानदार बनावट

    किले के अंदर कई छोटे-बड़े खूबसूरत महल और छतरियां हैं। हाडी रानी, शीश महल और बादल ये तीन महल अपनी शानदार बनावट की वजह से दुनियाभर में मशहूर हैं। किले के अंदर राजपूताना शैली में बनी हुई सैनिकों की सुंदर छतरियां देखने को मिलेंगी। सपाट भूमि पर बने इस किले की दीवारें बहुत ऊंची और परिसर बहुत ही बड़ा है। किले के 6 मुख्य द्वार हैं। पहला प्रवेश द्वार लोहे और लकड़ी के नुकीले कीलों से मिलकर बना हैजो खासतौर से दुश्मनों से रक्षा करने के उद्देश्य से बनाया गया था। दूसरा प्रवेश द्वार बिचली पोल है, तीसरा कचहरी पोल, चौथा सूरज पोल, पांचवा धुरती पोल, छठा राज पोल। आखिरी द्वार को नागौर की न्यायपालिका के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। यहां पास में ही मुगल शासक अकबर द्वारा बनाई गई एक मस्जिद और सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह भी है।

    किले की खासियत

    नागौर के इस किले की खासियत है कि यहां दागे गए तोप के गोलों का कोई असर नहीं होता।

    अन्य घूमने वाली जगहें

    नागौर और उसके आसपास घूमने वाली जगहों में नागौर का किला, तारकिन की दरगाह, मीरा बाई की जन्मस्थली मेड़ता, कुचामन किला, वीर अमर सिंह राठौड़ की छतरी, खींवसर किला शामिल हैं।

    कब जाएं

    साल में कभी भी नागौर जाने का प्लान किया जा सकता है। लेकिन महल घूमने के साथ ही सुहावने मौसम का भी आनंद लेने के लिए फरवरी से मई और अगस्त से नवंबर का महीना परफेक्ट है।

    कैसे जाएं

    हवाई मार्ग- जोधपुर यहां तक पहुंचने का नज़दीकी एयरपोर्ट है। दिल्ली, जयपुर और मुंबई जैसे सभी बड़े शहरों से आप यहां तक की फ्लाइट बुक करा पहुंच सकते हैं।

    रेल मार्ग- दिल्ली, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर सभी शहरों से ट्रेनों की सुविधा अवेलेबल है।

    सड़क मार्ग- नागौर राजस्थान के सभी बड़े शहरों जैसे बीकानेर, जोधपुर, जयपुर और अजमेर से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन निगम और प्राइवेट दोनों ही तरह के बसें यहां तक के लिए आसानी से मिल जाएंगी।