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आइए चलते हैं देश की इन 10 प्राचीन गुफाओं के राज जानने

प्रचीन काल में बनी मानव निर्मित गुफाओं में दिलचस्‍पी रखते हैं तो भारत की इन दस गुफाओं के बारे में जानने की जरूरत है। लाखों साल पुरानी यह गुफाएं भारतीय संस्‍कृति का हिस्‍सा हैं।

By Prabhapunj MishraEdited By: Published: Wed, 27 Sep 2017 11:28 AM (IST)Updated: Wed, 27 Sep 2017 11:28 AM (IST)
आइए चलते हैं देश की इन 10 प्राचीन गुफाओं के राज जानने
आइए चलते हैं देश की इन 10 प्राचीन गुफाओं के राज जानने

1- बोरा गुफाएं

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जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के विलियम किंग जॉर्ज ने 1807 में आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले में अराकू वैली के पास अनंतगिरी की पहाडि़यों में खोजी थी। यहां कार्स्टिक चूना पत्थर से बनी हुई सबसे गहरी गुफा है। इसकी गहराई 80 मीटर है। ये भारत की सबसे गहरी गुफाओं में से एक है। 

 

2- भीमबेटका रॉक शेल्‍टर

मध्‍य प्रदेश के रायसेन जिले में रतापानी वाइल्‍ड लाइफ सेंचुरी के अंदर भीमबेटका गुफाएं हैं। ये गुफाएं पाषाण काल की बनी हुई हैं। गुफा की दीवारों पर इंसान और जानवरों की पेंटिंग उकेरी गई हैं। मानव सभ्‍यता की ये सबसे पुराने चिह्नों में से एक हैं। ये एक आर्कियोलॉजिकल साइट है। 2003 में इसे वर्ल्‍ड हैरिटेज साइट घोषित कर दिया गया था। ये गुफा लगभग 30 हजार साल पुरानी है। यहां पांच सौ से ज्‍यादा प्राकृतिक गुफाएं बनी हुई हैं। भीमबेटका में युद्ध की पेंटिंग दीवारों पर बनाई गई है। 1958 में इस पेंटिंग की खोज की गई थी। 

 

3- अमरनाथ गुफा

अमरनाथ गुफा भारतीय आस्‍था का केंद्र है। यहां बर्फ से भगवान के शिवलिंग का निर्माण होता है। हजारों की संख्‍या में भक्‍त यहां आते हैं। ये भारत के सबसे पूज्‍यनीय तीर्थ स्‍थलों में से एक है। जम्‍मू कश्‍मीर में बनी यह गुफा हिमालय की पहाडि़यों से घिरी हुई है। ये गुफा ज्‍यादातर बर्फ से ढकी रहती है। 

 

4- अंडावल्‍ली गुफा

यह गुफा प्रचीन काल का सबसे बेहतरीन नमूना है। इसे विश्‍वकर्मा स्‍थापथीस कहा जाता है। आंध्र प्रदेश में यह गुफा विजयवाड़ा से सिर्फ 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इन गुफाएं चौथी-पांचवी शताब्‍दी की प्रतीत होती हैं। यह गुफाएं पत्‍थरों से निर्मित हैं। ये गुफा बात का प्रमाण है कि कितने बुद्धिस्‍ट आर्ट फैक्‍ट और स्‍तूफ हिन्‍दू मंदिरों में तब्‍दील हो गए। यह एक जैन गुफा थी। यह उदयगिरि और खांडगिरि के आर्कीटेक्‍चर का नमूना है। इसमें से प्रमुख गुफा गुप्‍त काल के आर्कीटेक्‍चर का नमूना है। 

 

5- वैष्‍णो देवी

जम्‍मू कश्‍मीर में स्थित वैष्‍णो देवी मंदिर भारत की सबसे प्रचीन गुफाओं में से एक है। ये प्रमुख हिन्‍दू मंदिरों और शक्ति के 52 पीठों में से एक है। यह त्रिकूट पहाडि़यों पर स्थित है। यहां हर साल लाखों की संख्‍या में भक्‍त आते हैं। भक्‍तों में वैष्‍णो देवी के लिए अपार श्रद्धा है। 

 

6- उदयगिरि और खांडगिरि गुफा

उड़ीसा में बनी उदयगिरि और खांडगिरि गुफा प्रकृति और मानव निर्मित गुफा का अद्भुत नमूना है। इस आर्कियोलॉजिकल और हिस्‍टॉरिकल गुफा का अपना ही धार्मिक महत्‍व है। यह गुफा भुवनेश्‍वर के पास स्थित है। यहां की ज्‍यादातर गुफाएं जैन मॉंक का घर रहीं हैं। उदयगिरि का अर्थ होता है सुर्योदय गुफा। यहां 18 खांडगिरि गुफाएं भी है। जिनका अर्थ होता है टूटी हुई पहाडि़यां। जैन गुफाएं भारत में प्राचीन काल से हैं।

 

7- एलीफेंटा गुफाएं

महाराष्‍ट्र के एलीफेंटा आईसलैंड पर बनी ये गुफाएं मानव निर्मित गुफाओं का नेटवर्क है। इसे सिटी ऑफ केव्‍स भी कहा जाता है। ये मुंबई में हार्बॉर पर स्थित हैं। ये आइसलैंड दो गुफाओं का घर है। यहां दो ग्रुपो में पहली पांच हिन्‍दू गुफाएं है और छोटे ग्रुप में दो बुद्धिस्‍ट गुफाएं हैं। पहाड़ों को काट कर इन गुफाओं का निर्माण किया गया है।

 

8- बादामी गुफा

कर्नाटक के बागलकोट जिले में बादामी नामक स्‍थान पर बादामी गुफा मंदिर है। यहां गुफा मंदिर को चार गुफाओं में बनाया गया है। यहां के सभी मूर्तियां बादामी रंग के पत्‍थर से बनी हुई हैं। यह गुफा छठी-सातवीं शताब्‍दी की है। इन गुफाओं का आर्कीटेक्‍चर नगरा स्‍टाइल और द्रवीडि़यन स्‍टाइल में बना हुआ है। यहां मूर्तियां और खंबो पर बेहतरीन नक्‍काशी की गई है। ये बदामी का पांचवा नेचुरल केव टेंपल है। पहाड़ों को काट कर बादामी गुफा का निर्माण किया गया है।

 

9- एलोरा की गुफा

एलोरा एक आर्कियोलॉजिकल साइट है। महाराष्‍ट्र में यह औरंगाबाद जिले से 29 किलोमीटर दूर है। एलोरा मान्यूमेन्टल गुफा है। यह वर्ल्‍ड हैरिटेज साइट है। यहां 34 अन्‍य गुफाएं भी है। ये चरणांद्री पहाडि़यों का वर्टिकल फेस है। यहां बुद्धिस्‍ट, हिन्‍दू, जैन के मंदिर हैं जिन्‍हें पहाडि़यों को काट कर बनाया गया है। एलोरा की गुफाओं का निर्माण पांच से दसवीं शताब्‍दी के बीच हुआ था। 

 

10- अजंता की गुफा

अजंता-एलोरा की गुफाएँ महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के समीप स्थित‍ हैं। ये गुफाएँ बड़ी-बड़ी चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं। ये बौद्ध स्मारक गुफाएँ हैं। औरंगाबाद शहर से लगभग 107 किलो मीटर की दूरी पर अजंता की ये गुफाएं पहाड़ को काट कर विशाल घोड़े की नाल के आकार में बनाई गई हैं। इन गुफाओं को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में संरक्षित किया जा रहा है


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